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40 साल बाद दिल्ली में बाढ़ का खतरा, केजरीवाल ने लोगों को सरकारी टेंटों में आने को कहा

दिल्ली : हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 40 साल बाद यमुना नदी में सबसे अधिक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है और जल स्तर 207 मीटर तक जाने का अनुमान है जिससे निचले इलाकों में स्थिति भयावह हो सकती है। वहीं बाढ़ के खतरे की आशंका के बीच सोमवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। केजरीवाल ने अगले दो दिन बाढ़ का खतरा हैं। केजरीवाल ने कहा कि यमुना के आसपास रहने वाले लोग डरे नहीं बल्कि शाम तक घरों नकाल कर सरकारी टेंटों में आ जाएं। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने टेंटों के प्रबंध किए हैं, लोग यहां आकर रहें। केजरीवाल ने बताया कि रविवार को हथिनीकुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस पानी को दिल्ली पहुंचने में 36 से 72 घंटे का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि आज यमुना का जल स्तर 205.33 मीटर के खतरे को पार कर जाएगा।

केजरीवाल ने बताया कि प्रशासन ने लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके रहने के लिए बड़ी संख्या में टेंटों का प्रबंध किया है। कुल 23860 लोगों को निकालाना है। इनके लिए 2120 तंबुओं का प्रबंध किया गया है और आज शाम सात बजे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे खतरे वाले हैं लेकिन प्रशासन दिन-रात किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है। पानी आज मध्य रात्रि और बुधवार तक पूरी रफ्तार के साथ दिल्ली पहुंच सकता है। प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति में किसी प्रकार की सहायता के लिए दो टेलीफोन नंबर 01122421656 और 011 21210849 भी जारी किए हैं ।बता दें कि पहाड़ी क्षेत्रों और यमुना नदी के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश से हथिनीकुंड बैराज से रविवार को 8.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी पर बने लोहे वाले पुल पर सोमवार सुबह जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया। इसे देखते हुए लोहे वाले पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित विभागों से खतरे से निपटने के लिए उचित कदम उठाने को कहा है।उल्लेखनीय है कि लोहे वाले पुल पर जल स्तर पर चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है और आज सुबह यहां पर जल स्तर 204.80 मीटर हो गया। इसके कारण यमुना की तलहटी में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है।12 बजे जल स्तर 204.88 मीटर को पार कर गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा है कि यमुना के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में भारी वर्षा से यमुना नदी में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रवक्ता के अनुसार आज शाम छह बजे तक लोहे वाले पुल पर जल स्तर 205.33 मीटर तक पहुंच जाने की आशंका है।

पानी में लगातार वृद्धि की आशंका जताते हुए प्रवक्ता ने कहा कि 21 अगस्त को सुबह जल स्तर 207 मीटर तक पहुंच जाने का अनुमान है। वर्ष 1978 में हथिनीकुंड बैराज से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे दिल्ली में भयंकर बाढ़ आई थी। यमुना के निचले इलाकों के अलावा माडल टाउन समेत कई पाश इलाके भी लबालब हो गए थे। यमुना में संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन मुनादी कर यमुना की तलहटी में बसे लोगों को वहां से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह रहा है। तलहटी से निकाले जाने वाले लोगों के लिए यमुना किनारे के पुश्तों पर टेंट लगाए गए हैं और करीब पांच हजार लोगों को निकाला जा चुका है। प्रशासन ने 44 नावों के साथ ही 27 गोताखोरों की टीमों को अलग-अलग तैनात कर दिया है। अधिकारी खुद मौके पर जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं जिससे कि किसी प्रकार की अनहोनी को टाला जा सके।

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