क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) के प्रमुख कपिल देव ने कहा कि रवि शास्त्री का टीम इंडिया का हेड कोच बनने के पीछे विराट कोहली की पसंद का कोई लेना देना नहीं है. शास्त्री को CAC ने उम्मीद के मुताबिक दो साल के लिए फिर से मुख्य कोच चुना है. भारत में 2021 में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद उनके प्रदर्शन की फिर से समीक्षा की जाएगी. कपिल देव से जब पूछा गया कि क्या अंतिम फैसला कप्तान की प्राथमिकता से प्रभावित रहा, तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, क्योंकि अगर हम उनकी राय लेते तो हमें पूरी टीम की राय लेनी पड़ती. हमने उनसे नहीं पूछा क्योंकि हमारे पास यह सुविधा नहीं थी.’ सभी उम्मीदवारो में रवि शास्त्री का रिकॉर्ड शानदार था. उनके कोच रहते हुए भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर पहुंची और उसने 71 वर्षों में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराया.
ऐसा रहा शास्त्री का रिकॉर्ड
शास्त्री की अगुवाई में हालांकि भारत आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया तथा उसे 2015 और 2019 के वर्ल्ड कप में निराशा हाथ लगी. कपिल देव की अगुवाई वाली समिति को हालांकि यह बड़ा कारण नहीं लगा. क्रिकेट सलाहकार समिति में शांता रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़ भी शामिल थे.
आईसीसी टूर्नामेंटों में भारत के सेमीफाइनल में हारने के बारे में पूछे जाने पर कपिल ने कहा, ‘अगर मैनेजर किसी टीम के साथ एक वर्ल्ड कप नहीं जीत पाता है तो क्या उसे बर्खास्त कर देना चाहिए. नहीं. आपको संपूर्ण तस्वीर पर गौर करना होता है और हमने ऐसा किया. हमने उनकी प्रस्तुति को देखा और हमने उस हिसाब से फैसला किया.’‘संवाद कौशल के कारण जीते शास्त्री’
अनिल कुंबले की जगह जुलाई 2017 में कोच पद संभालने के बाद रवि शास्त्री का रिकॉर्ड शानदार रहा. इस बीच भारत ने 21 टेस्ट मैचों में से 11 में जीत दर्ज की. उसने 60 वनडे में 43 अपने नाम किए तथा 36 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में से 25 में जीत हासिल की. भारत के पहले वर्ल्ड कप विजेता कप्तान ने कहा कि शास्त्री के संवाद कौशल ने उनके चयन में अहम भूमिका निभाई. कपिल ने कहा, ‘वे सभी लाजवाब थे. कुछ अवसरों पर मुझे लगा कि शास्त्री संवाद कौशल में बेहतर है, बाकी सदस्यों की राय इसमें भिन्न हो, लेकिन हमने इस पर चर्चा नहीं की. हमने प्रस्तुति सुनने के बाद सभी को अंक दिए. हम तीनों ने काफी कुछ सीखा. सभी ने अपनी प्रस्तुति के लिए कड़ी मेहनत की थी.’ शास्त्री ने कोच पद की दौड़ में भारतीय टीम के अपने साथी रॉबिन सिंह और लालचंद राजपूत के अलावा न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन और ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी को पीछे छोड़ा. वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के पूर्व कोच फिल सिमंस निजी कारणों से कोच पद की दौड़ से हट गए थे.
खिलाड़ियों को अच्छी तरह समझते हैं शास्त्री
शास्त्री के चयन पर गायकवाड़ ने कहा, ‘असल में वर्तमान कोच होने के कारण वह खिलाड़ियों को अच्छी तरह से समझते हैं, टीम की समस्याओं से अवगत है और जानते हैं कि इसके लिए क्या करना है.’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि वह पूरी प्रणाली से अच्छी तरह से परिचित है. अगर कोई व्यवस्था को समझता है, खिलाड़ियों को जानता है और अच्छी तरह से संवाद स्थापित कर सकता है तो मुझे लगता है कि वह फायदे की स्थिति में रहता है.’
वेस्टइंडीज दौरे पर जाने से पहले जब कोहली से जब कोच के रूप में उनकी प्राथमिकता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ‘सीएसी ने इसके लिए मुझसे संपर्क नहीं किया है लेकिन हम सभी का रवि भाई के साथ बहुत अच्छे संबंध है और हमें (उनके बने रहने पर) निश्चित तौर पर बहुत खुशी होगी.’
शास्त्री का भारतीय टीम के साथ यह चौथा कार्यकाल होगा. वह बांग्लादेश के 2007 के दौरे के समय कुछ समय के लिए कोच बने थे. इसके बाद वह 2014 से 2016 तक टीम निदेशक और 2017 से 2019 तक मुख्य कोच रहे. वर्तमान समिति ने इससे पहले दिसंबर में डब्ल्यूवी रमन को महिला टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया था.
कपिल देव : शास्त्री का टीम इंडिया का हेड कोच बनने के पीछे विराट की पसंद का कोई लेना देना नहीं
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