भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर आंक, शहद, दूध, जल, चन्दन, बेलपत्र, केसर आदि को चढ़ाया जाता हैl भोलेनाथ पर चढ़ाई जाने वाली ये चीजें हमारे स्वास्थय के लिए भी बेहद लाभकारी हैं। जानिए इनके चिकित्सीय व प्राकृतिक महत्व के बारें में…
आंक के पत्तों, पुष्प व जड़ों के चिकित्सीय लाभ
– आंक के कुछ पत्ते लें। एक चौथाई हिस्से पर काला नमक लगा लें व उसे कूट कर आग में जलाकर भस्म बनाएं और भस्म को पानी में शहद के साथ मिलाकर एक माह तक इसका सेवन करें l इससे खांसी व दमा की समस्या से निजात मिलती है।
– आंक के दो बिना खिले फूल को लें व इसके साथ कुछ मात्रा में गुड़ मिला लें। इसका सेवन करने से मलेरिया का बुखार नहीं चढ़ता है।
– आंक के कुछ फूल लें और गर्म करके फूलों को छान ले और जोड़ो पर बांधे यह जोड़ो के दर्द में अत्यन्त लाभकारी है।– आंक की जड़ को लें, इसकी छाल का चूरन बनाएं फिर इसमें अदरक का रस व काली मिर्च को पीस कर खाएं। यह हैजा के लिए अत्यंत लाभकारी है।
– आंक के दूध का अत्यधिक लाभ छोटे सफेद दाग को दूर करने में किया जाता है। काले नमक को आंक के दूध में घिस कर दागों पर लगाएं जल्द ठीक होंगे।
बेलपत्र के चमत्कारी औषधीय गुण
– बेलपत्र की पत्तियों का काढ़ा बना कर पीना चाहिए। इससे हृदय व हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। श्वास रोगियों के लिए लाभकारी होता है।
– इसकी सूखी पत्तियों को खाने से डॉयबिटीज में संतुलन बना रहता है।
चन्दन का अर्क अल्सर में लाभकारी
– भोलेनाथ पर चढ़ाया जाने वााला चन्दन भी बेहद गुणकारी है। इसके तेल का इस्तेमाल करने से खांसी व दांतों की कमजोरी दूर हो जाती है।
– चन्दन का लेप रक्तचाप को संतुलित करने में लाभकारी है।
– चन्दन का लेप तैयार करें व इसमें तुलसी के पत्तों को पीस कर मिलायं फिर इसे मस्तिष्क पर लगाएं यह सिरदर्द में बेहद लाभकारी है।
शहद भी है गुणकारी
– शहद को पानी में मिलाकर पीना चाहिए। इससे ब्लड में आरबीसी की संख्या बढ़ती है व कीमोथेरेपी के मरीजों में श्वेत रक्त कोशिकाओं को कम होने से रोकता है।
– गरम पानी में शहद व नींबू की कुछ बूंदे डालें यह वसा को कम करती है, जो वजन घटाने का बेहतरीन उपाय है।
महादेव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली यें चीजें सेहत के लिए भी हैं वरदान
Loading...