वाराणसी। बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन निरस्त होने के मामला भले ही सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुका है लेकिन अभी बनारस के स्थानीय कोर्ट में सरेंडर को लेकर मामले की सुनवाई जारी रहेगी। गुरुवार को कैंट पुलिस से आख्या नहीं मिलने पर कोर्ट ने तेज बहादुर यादव के सरेंडर अर्जी पर सुनवाई टाल दी है। अब अगली सुनवाई १७ मई को होगी। तेज बहादुर यादव ने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर करने की अर्जी देते हुए कैंट थाने से आख्या मांगने की अपील की थी। इस पर कोर्ट ने कैंट पुलिस को ९ मई को आख्या देने को कहा था लेकिन निर्धारित अवधि तक आख्या नहीं आने पर कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई टाल दी है।
कोर्ट ने अब अगली तिथि १७ मई निर्धारित की है। बताते चले कि तेज बहादुर यादव ने पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडने के लिए अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन से नामांकन किया था लेकिन चुनाव आयोग ने तकनीकी कारणों के आधार पर नामांकन निरस्त कर दिया था। कलेक्ट्रेट परिसर में इसी बात को लेकर सपा कार्यकर्ताओं पर नारेबाजी करने व धरना देने का आरोप लगा था।
आचार संहिता का उल्लंघन होने पर कैंट थाने में तेज बहादुर यादव पर कार्रवाई की मांग को लेकर तहरीर पड़ी थी जिसके आधार पर कैंट पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। कैंट पुलिस ने कलेक्ट्रेट परिसर के वीडियो फुटेज लेकर अपनी जांच भी शुरू की है। इसी बीच तेज बहादुर यादव ने कोर्ट में अर्जी दी थी जिसमे मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए कहा था कि यदि उनके खिलाफ कैंट में मुकदमा दर्ज है तो वह कोर्ट में सरेंडर करना चाहते हैं। कोर्ट ने कैंट पुलिस ने इस मामले में आख्या मांगी थी जो अभी तक नहीं मिल पायी है।