नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजमगढ़ में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एक महामिलावटी सरकार का मतलब है-देश में अराजकता और अस्थिरता। इन लोगों द्वारा फैलाई अस्थिरता देश ने 20 साल पहले भी देखी थी, जब संयुक्त मोर्चा नाम की सरकार सत्ता में थी। उस दौर में जो अस्थिरता थी, उसका परिणाम ये हुआ कि भारत को बार-बार चुनाव का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2004 से लेकर 2014 तक फिर देश ने ऐसी महामिलावटी सरकार देखी, जिसने भारत को दुनिया में शर्मिंदा किया। पीएम ने कहा कि कांग्रेस के 10 साल के शासन में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं था,
जहां घोटाले और घपले नहीं हुए। जब भ्रष्ट और मजबूर सरकार होती है, तो वो चुनौतियों से नहीं लड़ पाती। याद कीजिए, आजमगढ़ की साख के साथ इन लोगों की सरकार के समय किस तरह का खिलवाड़ किया गया था। जब भी कोई आतंकी हमला होता था, तो उसके तार खोजते हुए एजेंसियां आजमगढ़ पहुंच जाती थीं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा था? क्या वजह थी? यहां जो सपा और बसपा के नेता थे, जो दिल्ली में सरकार थी, वो सिर्फ वोट के लिए आतंक के मददगारों को पनाह दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्रवाई के समय पर आतंकियों का भी जात-पात, संप्रदाय देखा जाता था।
वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने, जातीय समीकरण की राजनीति करने वालों ने, इन महामिलावट वालों ने देश को खतरे में डाल दिया था। इन्हीं लोगों ने पाकिस्तान को भारत पर हावी होने का मौका दिया। हमने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों पर प्रहार किया है। कभी हमारे साथ दुनिया खड़ी होने में झिझकती थी, आज मसूद अजहर जैसे आतंकी के खिलाफ पूरी दुनिया हमारे पक्ष में खड़ी हो जाती है। ये होता है, मजबूत सरकार का मतलब। बीते 5 वर्ष में बिना तुष्टिकरण किए, बिना वोटबैंक की राजनीति किए देश के विकास के लिए काम किया गया है। जो दशकों से अपने जीवन में मूलभूत सुविधाएं पाने के इंतजार में था, उसके लिए काम किया गया है।