दिल्ली: आप ने भाजपा के घोषणा पत्र को झूठे वायदों का नया संकल्प पत्र करार दिया है। इसमें दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे का जिक्र न होने पर पार्टी ने नाराजगी जताई है। साथ ही इसे दिल्लीवालों के साथ विश्वासघात बताया है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का कहना है कि भाजपा में नोटबंदी, जीएसटी पर बात करने की हिम्मत नहीं है। जबकि 2014 के कई वायदों की याद भी दिलाई है। दूसरी तरफ आप सांसद संजय सिंह का मानना है कि भाजपा जाति, धर्म के नाम पर देश को बांटने का काम कर रही है।
अगर भाजपा राम मंदिर का निर्माण संविधान के दायरे में रहकर करना चाहती है तो बीते तीस सालों से इसके नाम पर उसने समाज में नफरत फैलाने का काम क्यों किया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने 2014 के वादों का जिक्र किए बिना एक बार फिर देश के सामने नए झूठे वादों का पुलिंदा पेश किया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा में नोटबंदी व जीएसटी पर बात करने की हिम्मत है। साल में दो करोड़ के नौकरियां दिलाने का 2014 का वायदा कहां गया, किसानों को डेढ़ गुना फायदा देने के वायदे का क्या हुआ? अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि 2014 में दिल्लीवालों को पूर्ण राज्य का वायदा किया था, लेकिन यह पूरा नहीं हुआ।
यह दिल्लीवालों के साथ धोखा है। ऐसे में नये वायदों पर देशवासी कैसे यकीन करें। केजरीवाल ने चुनौती दी है कि भाजपा 2014 के किए वादों पर बात कीजिए। वहीं, आप 2015 के अपने चुनावी वायदे पर। इससे पूरे देश को पता चल जाएगा कि किसने कितना काम किया है। अरविंद केजरीवाल ने याद दिलाया कि 2014 में भी भाजपा ने राम मंदिर, आर्टिकल 370, गंगा की सफाई, आधुनिक पुलिस व्यवस्था आदि का जिक्र किया है। यही सब 2019 में भी दोहराया जा रहा है। भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर आप सोशल मीडिया पर अभियान चलाने जा रही है। पार्टी की सोशल मीडिया विंग ने कहा कि वह ट्विटर पर ब्रोकन प्रॉमिस (वादे तोड़े) नाम के हैशटैग अभियान चलाएगी। इसमें भाजपा के 2014 के उन चुनावी वायदों से जुड़ी पोस्ट शेयर की जाएगी, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है।