नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के तौर पर बुलाए जाने का विरोध करते हुए शुक्रवार को प्रस्तावित लोकपाल चयन समिति की बैठक का एक बार फिर से बहिष्कार किया है। ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के तौर पर बैठक में बुलाए जाने का विरोध करते हुए खड़गे पहले भी कई बार इस बैठक का बहिष्कार कर चुके हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि लोकपाल अधिनियम-2013 की धारा चार में ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के लोकपाल चयन समिति की हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में सत्तासीन होने के बाद से इस सरकार ने लोकपाल कानून में ऐसा संशोधन करने का कोई प्रयास नहीं किया जिससे विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता चयन समिति के सदस्य के तौर पर बैठक में शामिल हो सके।
खड़गे ने कहा कि बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर मेरे शामिल नहीं होने का बहाना बनाकर सरकार ने पिछले पांच वर्षों में लोकपाल की नियुक्ति नहीं की। बहरहाल, इस संदर्भ में थोड़ी-बहुत जो भी प्रगति हुई वह सुप्रीम कोर्ट के दबाव के कारण हुई। पत्र में उन्होंने दावा किया, सच्चाई यह है कि सभी बैठकें तय कार्यक्रम के तहत हुईं और सर्च कमेटी की भी गठित गई। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया से विपक्ष को अलग रखना चाहती थी। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि विपक्ष को अलग रखकर पूरी प्रक्रिया को ही विकृत किया गया है और इस एकतरफा प्रक्रिया से चयनित कोई भी व्यक्ति पद स्वीकार करने से मना कर सकता है।