दिल्ली : भारतीय चुनाव आयोग ने रविवार को 17वीं लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर चुके हैं। इसके मद्देनजर सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। इस कड़ी में कांग्रेस के लिए आज का दिन अहम रहने वाला है, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में दिल्ली के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ अलावा राहुल पार्टी के चुनाव अभियान में तेजी देने की कोशिश करेंगे। जानकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में दिल्ली के करीब 14 हजार ब्लॉक एवं बूथ स्तरीय कार्यकर्ता शामिल होंगे। कार्यकर्ताओं के पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता भी यहां मौजूद रह सकते हैं। कांग्रेस ने अभी अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं,
लेकिन अजय माकन, पूर्व केंद्रीय मंत्री योगानंद शास्त्री, अरविंदर सिंह लवली, पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री हारुन यूसुफ और शर्मिष्ठा मुखर्जी के नाम के कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं, लेकिन एक-दो सीटों के प्रत्याशियों के बदलाव की संभावना जताई जा रही है। पूर्वी दिल्ली से महेश गिरी, ओमप्रकाश शर्मा, कुलदीप सिंह चहल, मेयर बिपिन बिहारी सिंह, उत्तर पूर्वी दिल्ली से महंत नवल किशोर दास, पूर्व महापौर सत्या शर्मा, पूर्व विधायक मोहन सिंह बिष्ट टिकट की दौड़ में हैं।
चांदनी चौक से मौजूदा सांसद डॉ. हर्षवर्धन, बिजेंद्र गुप्ता, विजय गोयल के नाम की चर्चा है। इस बार नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी के अलावा क्रिकेटर गौतम व एक अन्य उम्मीदवार के नाम की चर्चा है। आरक्षित उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में सांसद उदित राज, दुष्यंत गौतम के नाम की चर्चा है जबकि पश्चिमी दिल्ली से प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, दक्षिण दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी व एक अन्य उम्मीदवार के नाम की चर्चा है। लोकसभा चुनाव में इस बार दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की कवायद, पारदर्शिता और राष्ट्रीयता के साथ विकास का मुद्दा अहम रहेगा।
किसानों और युवाओं के बीच रोजगार के मुद्दा भी पार्टियों के चुनावी मुद्दों में शामिल होगा। लेकिन, देश की राजधानी दिल्ली में इस बार भी विकास का ही मुद्दा अहम रहेगा। वहीं, दिल्ली के तीनों नगर निगम भाजपा शासित हैं। पिछले वर्षों के दौरान हुए विकास कार्यों को चुनाव से पहले अमली जामा पहनाया गया। चुनाव से पहले लगातार निगमों की तरफ दिल्ली सरकार पर निशाना साधा जाता रहा है। पिछले करीब एक महीने के दौरान निगम के विकास कार्यों की झड़ी लगा दी गई है, जिसका केंद्रीय मंत्रियों ने उद्घाटन और शिलान्यास कर, दिल्ली के मतदाताओं को संदेश दिया है।