उरई/जालौन। वोटिंग मशीन (ईवीएम) को वीवीपैट मशीन के साथ जोड़कर मतदान करने की प्रक्रिया को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन तहसील सभागार में किया गया जिसमें उपजिलाधिकारी ने मशीन से जुड़ी जानकारियां दीं। उपजिलाधिकारी जालौन भैरव पाल सिंह ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया में ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन को जोड़ा जाएगा। यह निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न करवाने के लिए लिया गया है। इसका उद्देश्य आमजन में ईवीएम के प्रति फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करना भी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 से लेकर अब तक ईवीएम के माध्यम से लगभग दस लाख मतदान केेंद्रों पर राज्य सभा, विधानसभा व तीन बार लोकसभा चुनाव सफलता पूर्वक करवाए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि ईवीएम को वीवीपैट मशीन से जोडने के बाद मतदाता को मतदान करने के छह सेकेेंड बाद एक बीप के माध्यम से यह जानकारी भी मिलती है कि उसने अपना मतदान किस प्रत्याशी के चुनाव चिह्नड्ढ पर किया है। उन्होंने बताया कि एक ईवीएम में लगभग एक हजार छह सौ मतों का बैलेट पेपर डाला जा सकता है। वीवीपैट मशीन भी सभी मतों के मतदान की पूरी जानकारी देती है। इस मौके पर तहसीलदार तथा उपजिलाधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोग उपस्थित रहे जिन्हें मशीन के माध्यम से मतदान प्रक्रिया समझाई गई।