लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उ0प्र0 राज्य सचिव मण्डल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का बजट प्रदेश की जनता की सबसे बड़ी और मूल समस्याओं को सम्बोधित नहीं करता है। प्रदेश में बेरोजगारी और किसानों का संकट सबसे बड़ी समस्या है। इन दोनों के समाधान के लिए बजट में कुछ नहीं कहा गया है। केन्द्र सरकार की ही तरह प्रदेश की सरकार ने भी किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का जुमला फेंका है, किन्तु प्रदेश में आवारा पशुओं द्वारा किसानों की फसलें बेतहाशा बर्बाद किया जाना, किसानों को अपने उपज को औने-पौने दाम में बाजार में बेचने के लिए मजबूर होना, गन्ना किसानों का हजारों करोड़ बकाया आदि से स्पष्ट है कि किसानों की स्थिति बद से बदतर होने जा रही है।
बजट में बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए रोजगार देने का कोई प्राविधान नहीं दिया गया है। भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र 2017 में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय को बढ़ाने तथा असंगठित मजदूरों को पेंशन देने का वादा किया गया था। बजट में इस पर कुछ नहीं कहा गया है। कुल मिलाकर बजट प्रदेश की जनता के लिए कोई खास उम्मीद नहीं प्रदान करता है और कई मायनों में तो इसमें झूठे आश्वासन भी दिए गए हैं। राज्य सचिव मण्डल ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर राज्य कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल का समर्थन किया है और सरकार द्वारा कर्मचारियों का उत्पीड़न करने और एस्मा लगाने का तीव्र विरोध किया है।