अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आस्तित्व में आने के बाद देश-दुनिया में योग को तेजी से अपनाया जा रहा है. भारत में योग के प्रति लोगों का रूझान तेजी से बढ़ता जा रहा है. लोग योग के शरीर और मस्तिष्क पर पड़ने वाले बेहतर और सकारात्मक प्रभाव के कारण इसे अपना रहे है. ऐसे में योग अब महज शरीर को स्वस्थ रखने का जरिया नहीं बल्कि एक व्यापक इंडस्ट्री बन गया है जिसमें करियर बनाने की बेशुमार संभावनाएं हैं.
भारत में 3 लाख योग प्रशिक्षकों की कमी: एसोचैम
हाल ही में एसोचैम द्वारा किए गए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है कि देश में तीन लाख योग प्रशिक्षकों की कमी है. जबकि पांच लाख योग प्रशिक्षकों की आवश्यकता है. अध्ययन के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया में योग प्रशिक्षकों की मांग सबसे अधिक है. भारत, दक्षिणपूर्व एशिया और चीन के लिए इसका सबसे बड़ा निर्यातक है. अनुमान है कि चीन में भारत के 3,000 योग प्रशिक्षक काम कर रहे हैं. जिनमें से ज्यादातर हरिद्वार और ऋषिकेश के हैं, जिसे भारत का योग की राजधानी कहा जाता है. क्योंकि यहां सबसे ज्यादा योग स्कूल हैं. एसोचैम के महामंत्री डीएस रावत ने कहा कि योग को तेजी से बढ़ते ‘फिटनेस की नई मुद्रा’ के रुप में देखा जा रहा है. जितनी तेजी से यह दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहा है. उसके हिसाब से इसके प्रशिक्षकों की कमी है.
इस फील्ड में करियर की शुरुआत 12वीं के बाद और ग्रेजुएशन के बाद की जा सकती है. योग में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कई डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकट कोर्स उपलब्ध हैं. बैचलर ऑफ आर्ट्स (योग), मास्टर इन आर्ट्स (योग), पीजी डिप्लोमा इन योग थैरेपी कोर्सेज की अच्छी डिमांड है. योगक एक्सपर्ट या नैचूरोपैथ के तौर पर करियर विकसित करना है तो साढ़े पांच साल का बैचलर ऑफ नैचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज (बीएनवाईएस) किया जा सकता है. यहां मिलेगा काम
योग एक विज्ञान है जिसे सीखने के लिए योग्य और प्रशिक्षित शिक्षक की जरूरत होती है. योग शिक्षक अपना खुद का काम भी शुरू कर सकते हैं. तमाम ऐसे योग शिक्षण संस्थान हैं जहां योग शिक्षक के लिए ढेरों वैकेंसी है. कुल मिलाकर आप यहां मौके तलाश सकते हैं.
– रिसर्च
– अकादमिक
– हेल्थ रिसॉर्ट
– अस्पताल
– जिम
– स्कूल
– स्वास्थ्य केंद्र
– हाउसिंग सोसाइटियां
– कार्पोरेट घराने
– टेलीविजन चैनल भी योग प्रशिक्षक हायर करते हैं और जाने-मानी हस्तियां भी प्राइवेट योग इंस्ट्रक्टर हायर करते हैं.
योग का प्रशिक्षण हासिल कर योग एयरोबिक्स इंस्ट्रक्टर, योग थेरेपिस्ट, योग इंस्ट्रक्टर, योग टीचर, थेरेपिस्ट एंड नैचूरोपैथ्स, रिसर्च ऑफिसर के तौर पर काम किया जा सकता है.
योग शिक्षक बनने का एक फायदा यह भी है कि योग की क्लासेज आप ज्यादातर सुबह या शाम को ही लेते हैं. ऐसे में आपके पास बीच का पूरा दिन होता है, जिसमें आप कुछ नया सीख सकते हैं या कोई दूसरा काम या बिजनेस या फिर अपना खुद का योग स्कूल भी शुरू कर सकते हैं.
कुछ संस्थान जहां से किया जा सकता है कोर्स
कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान योग सीखाते हैं। जिनमें से कुछ के नाम हैं-
मोरारजी देसाई नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ योग, दिल्ली
(स्नातक के बाद 3 साल का बी. एससी योगा साइंस, 1 साल का डिप्लोमा, पार्ट टाइम योग कोर्स उपलब्ध)
देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार, उत्तराखंड
(योग मे बी.एससी से पी.एचडी तक के कोर्स उपलब्ध)
गुरूकुल कॉंगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार, उत्तराखंड
(योग में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध)
भारतीय विद्या भवन, दिल्ली
(6 महीने से लेकर 1 साल तक का कोर्स उपलब्ध)
अय्यंगर योग सेंटर, पुणे
(योग प्रशिक्षण उपलब्ध)
बिहार स्कूल ऑफ योगा, मुंगेर
(4 महीने और 1 साल के कोर्स उपलब्ध)
कैवल्यधाम योग इंस्टीट्यूट, पुणे
(सर्टिफिकेट कोर्स इन योग, पीजी डिप्लोमा इन योग एजुकेशन, पीजी डिप्लोमा इन योग थिरैपी, फाउंडेशन कोर्स इन योग, एडवांस योग टीचर्स ट्रैनिंग, बीए- योग फिलोस्फी, मास्टर क्लास फॉर योग टीचर्स कोर्स उपलब्ध)
स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु
(रेगुलर और डिस्टेंस योगा कोर्स, योग में बी.एससी, एम. एससी, पी. एच.डी. डिग्री उपलब्ध)
जल्द ही देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जेएनयू में भी योग पर शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू होगा. कई बार अस्वीकृत किए जाने और छात्रों तथा शिक्षकों के एक वर्ग द्वारा आपत्ति उठाए जाने के बाद योग में लघु अवधि के पाठ्यक्रम को शुरू करने के जेएनयू के प्रस्ताव को विश्वविद्यालय की फैसला लेने वाली शीर्ष परिषद ने आखिरकार मंजूरी दे दी.