बीजेपी के खिलाफ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अकेले ही अपनी रैली का आयोजन करना होगा। लगभग सभी मुख्य विपक्षी दलों के सुप्रीम नेता, उनकी रैली में शामिल नहीं हो पाएंगे। कांग्रेस राजद और उसकी रैली को समर्थन दे रही है लेकिन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस रैली में शामिल नहीं होंगे। पटना में प्रेस वार्ता के दौरान लालू ने इस बात की पुष्टि की हैं। हालांकि रविवार(27 अगस्त) को पटना में आयोजित इस रैली में गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेंगे। लालू यादव ने बताया, ‘‘कांग्रेस राजद का समर्थन करती है और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद 27 अगस्त को पटना में आयोजित रैली में हिस्सा लेंगे।’’ राहुल गांधी ने इससे पहले पटना की रैली में हिस्सा लेने का संकेत दिया था लेकिन विश्लेषकों की राय में रैली में उनकी उपस्थिति से कई पहलू पर फर्क पड़ता क्योंकि लालू और उनके बेटे पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
लालू यादव की रैली को “देश बचाओ, भाजपा भगाओ” का नाम दिया गया है। बता दें सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस रैली में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था। प्रेस वार्ता में लालू यादव ने और भी कई मुद्दों पर बात की। आगामी 26 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण पर लालू ने कहा, “पीएम की इस यात्रा का मकसद सीएम नीतीश कुमार के साथ राजस्थान, गुजरात, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव की रणनीतिक चर्चा का है न कि बाढ़ पीड़ितों की मदद का। पीएम हवा खोरी करने के लिए 26 अगस्त को आएंगे। यात्रा का असली मकसद नीतीश कुमार के साथ आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर चर्चा करने का है।”
दूसरी तरफ बाढ़ के मद्देनजर बीजेपी ने लालू से रैली स्थगित करने की अपील की है जिसे राजद प्रमुख ने खारिज कर दिया है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की इस अपील को राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने खारिज करते कहा कि वे यह पाठ पढ़ाने के बजाए बताएं कि तटबंध कैसे टूटे और बाढ़ पीडितों के लिए राहत एवं बचाव कार्य चलाने में सरकार कथित तौर पर विफल साबित क्यों हुई।
वहीं पत्रकारों से बातचीत में सुशाल मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद अपनी रैली को स्थगित कर बाढ़ पीडितों की सेवा में अपना समय लगाएं। उन्होंने कहा कि उनके दोनों बेटे तेज प्रताप यादव एवं तेजस्वी यादव दिल्ली में पढ़ने के कारण अपने जीवन में बाढ़ नहीं देखा। वे नहीं जानते कि बाढ क्या होता है। कभी राहत कार्य नहीं चलाया। उनके लिए प्रशिक्षण का एक अच्छा अवसर होगा कि वे भी जाकर देखें कि बाढ़ कैसी होती है। कैसे राहत एवं बचाव कार्य चलाया जाता है क्योंकि लालू जी के 15 साल के शासनकाल के दौरान बाढ़ राहत का कार्य तो चलाया गया ही नहीं। लोगों को बडी मुश्किल से एक—द किलोग्राम अनाज मिल जाया करता था। न एनडीआरएफ अथवा एसडीआरएफ और न ही मोटर बोट थे । न कोई जिलाधिकारी जाकर निगरानी करते थे । भगवान भरोसे बाढ पीडितों को छोड़ दिया जाता था। उन्होंने कहा कि संकट की इस घडी में बडे पैमाने पर रैली आयोजित करना इतने लंबे समय तक इस प्रदेश का मुख्यमंत्री रहे व्यक्ति को शोभा नहीं देता।