नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो गए, मगर हनुमान जी को लेकर बयानबाजियों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. दलित, मुसलमान से होते हुए अब भगवान हनुमान जी की एक और जाति का नेताओं ने पता लगा लिया है. अब हाल में जो बयान सामने आया है, उसके मुताबिक हनुमान जी जाट थे. दरअलस, योगी सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण का मानना है कि हनुमान जी जाट थे. उसके मुताबिक, चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि मेरा मानना है कि हनुमान जी जाट थे, क्योंकि किसी को भी परेशानी या फिर मुश्किल में पड़ा देखकर जाट किसी को जाने बिना भी बचाने के लिए कूद पड़ता है.’
इससे पहल गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक बुक्कल नवाब ने हनुमान जी को मुसलमान बता दिया. बुक्कल नवाब ने कहा कि ‘हनुमान जी मुसलमान थे. बुक्कल नवाब का कहना है कि हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए मुसलमानों में जो नाम रखे जाते हैं – रहमान, रमज़ान, फरमान, ज़ीशान, कुर्बान – जितने भी नाम रखे जाते है, वे करीब-करीब उन्हीं पर रखे जाते हैं.’ बुक्कल नवाब कहते हैं कि करीब 100 नाम ऐसे हैं, जो हनुमानजी पर ही आधारित हैं. हिंदू भाई हनुमान जी नाम रख लेंगें, लेकिन सुल्तान नहीं मिलेगा, अरमान, रहमान, रमजान नहीं रख सकते.’ वहीं, राजस्थान चुनाव के दौरान अलवर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी की जाति को लेकर बयान दिया था. उन्होंने हनुमान जी को दलित बताया था. हालांकि, इस पर समाजवादी पार्टी के एमएलसी राजपाल कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री, मंत्री, सभी हनुमानजी की जाति बताने में लगे हुए हैं.
मुख्यमंत्री हनुमान को दलित बताते हैं तो उनके एक मंत्री जाट बताते हैं. वहीं, अब बुक्कल नवाब उन्हें मुस्लिम बता रहे हैं. अब तो सरकार में ही एकजुटता नहीं दिख रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वंय वनवासी हैं, निर्वासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं. भारतीय समुदाय को उत्तर से लेकर दक्षिण तक पुरब से पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं.’ केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि ‘भगवान राम और हनुमान जी के युग में इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी, कोई दलित, वंचित, शोषित नहीं था. वाल्मीकी रामायण और रामचरितमानस को आप पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि उस समय को जाति व्यवस्था नहीं थी.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘हनुमान जी आर्य थे. इस बात को मैंने स्पष्ट किया है, उस समय आर्य जाति थी और हनुमान जी उसी आर्य जाति के महापुरुष थे