पटना : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर जासूसी करने का आरोप लगाते हुए गोपनीयता भंग होने की बात कही है. साथ ही उन्होंने ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर कहा है कि मुख्यमंत्री आवास पर हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है, इससे पड़ोसी की गोपनीयता भंग हो सकती है. मालूम हो कि यह बंगला उपमुख्यमंत्री के लिए आवंटित है. महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ जदयू के सरकार बनाने पर सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री बने. इसके बाद राज्य सरकार ने यह बंगला सुशील मोदी के लिए आवंटित कर दिया. हालांकि, तेजस्वी यादव राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गये.पटना हाईकोर्ट के सिंगल बेंच में फैसला पक्ष में आने पर डबल बेंच में अपील की है. मामला अभी अदालत में लंबित है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि बिहार सरकार मुख्यमंत्री को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करा रही है. मुख्यमंत्री आवास पर हर समय उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहती है. ऐसे में मुख्यमंत्री आवास पर के ऊपर हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है, जिससे पड़ोसी की गोपनीयता भंग हो सकती है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री आवास तीन मुख्य सड़कों से घिरा है, जबकि चैथी ओर नेता प्रतिपक्ष अर्थात मेरा घर है.
ऐसे में सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के आवास की ओर ही सीसीटीवी की आवश्यकता महसूस हुई? साथ ही उन्होंने अपराध को लेकर निशाना साधते हुए कहा है कि पूरे राज्य को छोड़ दें, पटना में ही गंभीर अपराध होता है, लेकिन मुख्यमंत्री नागरिकों की सुरक्षा के बजाय विपक्षियों की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर नजर रखने को लेकर परेशान हैं. तेजस्वी का पांच देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास बिहार पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को आवंटित किया गया है. राजद, कांग्रेस और जदयू की गठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने थे. उसके बाद उन्हें पांच देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास आवंटित किया गया था.
उसके बाद राजद से अलग होकर भाजपा के सहयोग से जदयू ने सरकार बनाने का दावा पेश किया. जदयू और भाजपा की सरकार बनने पर सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री बने. इसके बाद राज्य सरकार ने उपमुख्यमंत्री के लिए आवंटित पांच देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास खाली करने का निर्देश दिया. राज्य सरकार के फैसले को तेजस्वी यादव ने पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी. जस्टिस ज्योति शरण की अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद छह अक्तूबर, 2018 को फैसला सुनाते हुए तेजस्वी यादव को राज्य सरकार द्वारा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आवंटित पांच देशरत्न मार्ग स्थित आवास खाली करने का निर्देश दिया.
इसके बावजूद पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकारी बंगले को खाली नहीं किया और पटना हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील कर दी. साथ ही मामले में हाईकोर्ट से स्वतरू संज्ञान लेने का अनुरोध भी किया है. छह अक्टूबर को जस्टिस ज्योति शरण की एकल बेंच ने बंगला खाली करने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ तेजस्वी की तरफ से डबल बेंच में अपील की गयी है. मामला अभी न्यायालय में लंबित है.