लोगों को अब मीटर से छेड़छाड़ करना महंगा पड़ सकता है। अगर एक ये गलती कर दी तो जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है, इसलिए बेहतर है सावधान रहें।
दरअसल, अब अगर छेड़छाड़ या केमिकल डालकर मीटर जलाया तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है। क्योंकि बिजली निगम पहली बार पुलिस की मुधबन स्थित लैब में जले मीटरों को भेजकर फोरेंसिक जांच कराएगा। इसके लिए निगम की ओर से खास प्लानिंग तैयार की गई है, ताकि बिजली चोरों पर शिकंजा कसा जा सके।
बिजली निगम के रोहतक मंडल के अंदर जिले में नौ डिवीजन हैं। इसमें रोहतक शहर में डिवीजन नंबर एक, डिवीजन नंबर टू और डिवीजन नंबर तीन हैं। इसके साथ ही, सिटी सब अर्बन डिवीजन, महम, सांपला, कलानौर, जसिया और भालौठ डिवीजन भी हैं। निगम की ओर से दो लाख मीटर लगाए गए हैं।
विभाग की मानें तो हर रोज निगम के पास 10 से 12 जले हुए मीटर आ रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में मीटरों के जलने से निगम सकते में है। शक है कि कुछ उपभोक्ता जानबूझ कर मीटर जला रहे हैं। इसके चलते पहले चरण में आधा दर्जन मीटरों को मधुबन स्थित एफएसएल लैब में फोरेंसिक जांच के लिए भेजने का फैसला किया है। इससे पहले फोरेंसिक जांच के लिए निगम ने कभी मीटर मधुबन लैब में नहीं भेजा है।
गुड़गांव से सबक, मुख्यालय ने भेजा पत्र
पिछले दिनों गुड़गांव में निगम के पास तीन से चार मीटर ऐसे मिले, जिन्हें संदिग्ध हालत में जलाया हुआ था। निगम ने फोरेंसिक जांच कराई तो पता चला कि विशेष केमिकल डालकर मीटर जलाए हुए हैं, ताकि बिजली चोरी न पकड़ में आ सके। इसके बाद मुख्यालय ने हाल ही में सभी मंडल अधीक्षक अभियंताओं को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि अगर किसी मीटर पर शक है तो उसकी फोरेंसिक जांच कराएं।
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