
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, मुंबई : मुंबई में एसएपी नाऊ एआई टूर के तहत हुए कार्यक्रम में एसएपी इंडिया ने बताया कि अब भारत की कंपनियाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाकर अपने काम को और बेहतर बना रही हैं।
एंटरप्राइज़ एप्लिकेशन्स और बिज़नेस एआई के क्षेत्र में प्रमुख कंपनी- एसएपी, मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से इस वर्ष यूरोप की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। महिंद्रा एंड महिंद्रा, एशियन पेंट्स, विप्रो, इंफोसिस, वहदम टीज़, ओला, वेकफिट, देहात और जैक्वार जैसे कई जाने-माने ब्रांड्स के साथ काम करते हुए एसएपी ने देश में आर्थिक रूप से बेहतर प्रभाव डाला है।
एसएपी इंडिया ने मार्च 2024 से मार्च 2025 तक के बीच एक साल में जो अध्ययन किया, उसके अनुसार भारत में एआई का सबसे ज्यादा उपयोग :
एआई-जनरेटेड विज़ुअल इनसाइट्स, सारांश और अनुवाद
एआई-असिस्टेड प्रोसेस एनालिसिस
अव्यवस्थित डेटा से सेल्स ऑर्डर तैयार करना
प्रेडिक्टिव फोरकास्टिंग
नेचरल लैंग्वेज क्वेरीज़
एसएपी इंडियन सबकॉन्टिनेंट के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, मनीष प्रसाद ने कहा, “किसी भी ऑर्गेनाइज़ेशन के लिए डेटा की गहरी समझ बेहद जरूरी होती है। “
एआई- ‘मेड इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’
भारत, एसएपी के पोर्टफोलियो में कुल 400 एम्बेडेड एआई यूज़ केस तक पहुँचने के वैश्विक लक्ष्य में साथ दे रहा है, जिसमें वर्तमान में 210 से अधिक जनरेटिव एआई यूज़ केस शामिल हैं। भारत में एसएपी लैब्स, जो जर्मनी के बाहर दूसरा सबसे बड़ा रिसर्च सेंटर है, एआई को-पायलट ‘जूल’ को बनाने में अहम् भूमिका निभा रहा है।
एसएपी बिज़नेस एआई के लाभ: विप्रो
विप्रो में एसएपी के वाइस प्रेसिडेंट और ग्लोबल प्रैक्टिस हेड, श्रीनिवास साई निदाधवोलू ने कहा, “हमारे ग्राहक दुनियाभर में क्लाउड के जरिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कर रहे हैं।”
जटिलता से स्पष्टता तक
एसएपी इंडिया के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, मनीष प्रसाद ने कहा, “जब ऑर्गेनाइज़ेशंस ‘पिछली बातों से सीखने’ के बजाए ‘आगे की सोच’ पर ध्यान देते हैं।