ब्रेकिंग:

विकसित भारत के लिए शिक्षा, नवाचार और महिला सशक्तिकरण आवश्यक : मंत्री रजनी तिवारी

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : ए.पी. सेन मेमोरियल गर्ल्स पी.जी. कॉलेज में “विकसित भारत @2047 : विविध आयाम” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन मंगलवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए शिक्षा, नवाचार, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास जैसे विविध आयामों को समेकित रूप से आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं को रोज़गारपरक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

मुख्य वक्ता प्रो. वीना राय, प्राचार्या, अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज ने भारत की विकास यात्रा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विचार साझा किए। कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने संगोष्ठी के उद्देश्य और विषयवस्तु की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह संगोष्ठी विकसित भारत के बहुआयामी स्वरूप को समझने और उस दिशा में शैक्षणिक पहलुओं की भूमिका तय करने हेतु आयोजित की गई है।

तकनीकी सत्रों में देशभर से आए विद्वानों, शिक्षाविदों एवं शोधार्थियों ने राजनीति, साहित्य, विज्ञान, कला और अर्थव्यवस्था जैसे विविध विषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत किए। ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों सत्रों का संचालन क्रमशः डॉ मोनिका अवस्थी और प्रो. श्वेता तिवारी ने किया। सत्र की अध्यक्षता प्रो० मनोज पाण्डेय, प्रो० मंजुला यादव और डॉ० ऋतु तिवारी ने की।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. अनिल त्रिगुणायत ने युवाओं को सरकारी नौकरियों की सीमाओं से परे जाकर नवाचार एवं कौशल विकास के लिए प्रेरित किया।

Loading...

Check Also

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने समीक्षा बैठक में योजनाओं के पारदर्शी और समयबद्ध क्रियान्वयन के दिये सख्त निर्देश

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com