
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, भुवनेश्वर : ओडिशा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर, एक अद्भुत मिश्रण है प्राचीन इतिहास, समृद्ध संस्कृति और आधुनिकता का। यह शहर भारतीय वास्तुकला, धर्म और सांस्कृतिक धरोहर का एक प्रमुख केंद्र है। भुवनेश्वर को “मंदिरों का शहर” भी कहा जाता है क्योंकि यहां 1000 से अधिक मंदिरों का इतिहास है।
भुवनेश्वर प्राचीन काल में कटक नामक स्थान के रूप में जाना जाता था। यह शहर मौर्य और गुर्जर-प्रतिहार साम्राज्य के तहत एक प्रमुख राजनीतिक और धार्मिक केंद्र था।
प्रमुख आकर्षण
1. लिंगराज मंदिर
लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर का सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी का है। लिंगराज मंदिर को भुवनेश्वर का गौरव माना जाता है और यह स्थान धार्मिक पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल है।
2. राजारानी मंदिर
राजारानी मंदिर का नाम ‘राजारानी’ (राजा + रानी) से लिया गया है, क्योंकि यह मंदिर एक खास प्रकार की लाल-संगमरमर की पत्थर से बना है।
3. उदयगिरी और ख़ंडगिरी गुफाएं
उदयगिरी और खंडगिरी गुफाएं भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में स्थित हैं। ये गुफाएं प्राचीन जैन धर्म के साधुओं द्वारा बनाई गई थीं।
4. धवलगिरी और बौद्ध धरोहर स्थल
भुवनेश्वर के आस-पास कई बौद्ध स्थलों का भी महत्व है। धवलगिरी और अन्य बौद्ध स्थल यहां के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। बौद्ध धर्म के अनुयायी इन स्थलों को तीर्थ स्थल के रूप में मानते हैं।
5. नन्दनकानन जूलॉजिकल पार्क
भुवनेश्वर के बाहर स्थित नन्दनकानन जूलॉजिकल पार्क एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह पार्क वन्यजीव प्रेमियों और परिवारों के लिए एक बेहतरीन जगह है। नन्दनकानन में एक प्रसिद्ध सफारी भी है, जो पर्यटकों को जंगल के करीब ले जाती है।
भुवनेश्वर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है, जब मौसम ठंडा और सुखद रहता है। गर्मियों में यहां का तापमान काफी बढ़ सकता है।