
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली / बैंकाक : इस मुलाक़ात के बारे में ढाका की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, प्रोफ़ेसर यूनुस ने पीएम मोदी से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया !. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की हालत पर पीएम मोदी की चिंता का जवाब देते हुए प्रोफ़ेसर यूनुस ने कहा कि ‘अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की रिपोर्टें बढ़ाचढ़ाकर बताई गई हैं और इनमें से बड़ी संख्या फ़ेक न्यूज़ की है.’
बयान के अनुसार, मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश, भारत के साथ अपने संबंध को बहुत अहमियत देता है. प्रोफ़ेसर यूनुस ने कहा, “1971 के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भारत के लोगों और सरकार की ओर से मिले दृढ़ समर्थन के लिए हम शुक्रगुज़ार रहेंगे.”
प्रोफ़ेसर यूनुस ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के प्रत्यर्पण के लिए किए गए आवेदन में प्रगति के बारे में भी पीएम मोदी से बात की. यह मुद्दा भारत सरकार के साथ अभी लंबित है. प्रोफ़ेसर यूनुस ने कहा, “बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के ख़िलाफ़ वह लगातार गल़त और भड़काऊ आरोप लगा रही हैं. हम अपील करते हैं कि आपके देश में रहते हुए इस तरह के भड़काऊ बयान देने से भारत सरकार उन्हें रोके.”
मुख्य सलाहकार ने मानवाधिकार मामलों पर संयुक्त राष्ट्र के हाई कमिश्नर ऑफ़िस की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट का भी हवाला दिया जिसके अनुसार 15 जुलाई से पांच अगस्त 2024 के बीच सुरक्षा बलों और अवामी लीग के कार्यकर्ताओं की ओर से गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन किए गए. प्रोफ़ेसर यूनुस ने कहा कि इस दौरान प्रदर्शनों में 1400 लोगों की मौत हुई, जिसमें क़रीब 13 प्रतिशत बच्चे हैं.
बयान के अनुसार, प्रोफ़ेसर यूनुस ने पीएम मोदी से कहा कि वो इन कथित हमलों की खुद जांच पड़ताल के लिए पत्रकारों को भेजें.