अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ : उत्तर प्रदेश पर्यटन के संयुक्त तत्वाधान में नौ देशों के बौद्ध भिक्खुओं का दल राज्य भ्रमण के लिए आया है। बौद्ध भिक्खु 18 से 30 जनवरी तक बुद्ध सर्किट से जुड़े गंतव्यों का दर्शन करेंगे। यह दल 19 जनवरी को राजधानी लखनऊ पहुंचा। इनके सम्मान में 20 जनवरी की देर शाम शांति उपवन बौद्ध विहार में संगोष्ठी और स्वागत समारोह आयोजित किया गया। यह दल 21 जनवरी को श्रावस्ती के लिए रवाना हुआ, जो कुशीनगर, सारनाथ और कौशांबी में भ्रमण करेगा। इसके बाद सभी भिक्खु श्रावस्ती के लिए रवाना हो गए। यह दल 22-23 जनवरी को श्रावस्ती, 24-26 जनवरी को कुशीनगर, 27-28 जनवरी को सारनाथ और 29-30 जनवरी को कौशाम्बी पहुंचेगा।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन और लाइट ऑफ बुद्ध धर्म फाउंडेशन इंटरनेशनल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस धम्म यात्रा में कम्बोडिया, थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार आदि थेरवादी बौद्ध देशों के वो विशिष्ट भिक्खु सम्मिलित हैं, जो प्रतिदिन कम से कम 30 किलोमीटर चारिका करने के अभ्यस्त हैं। साथ में ब्राजील, पुर्तगाल, अमेरिका, ब्रिटेन आदि पश्चिमी देशों के श्रद्धालु बौद्ध उपासक भी उत्तर प्रदेश के बौद्ध पर्यटन में सम्मिलित हैं। भिक्खुओं का दल प्रत्येक स्थान पर बुद्ध पूजा-पाठ भी करेंगे।
जयवीर सिंह ने बताया कि राजधानी लखनऊ के शान्ति उपवन बुद्ध विहार, आलमबाग में 20 जनवरी 2025 को विश्व शान्ति के लिए बुद्ध के वचनों के संग्रह धम्मपद का अखंड पाठ, नृत्य नाटिका, फिल्म प्रदर्शन, संघदान आदि किया गया। इस दौरान अमेरिका से आए डॉ. वांगमों डिक्सी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार बुद्धिस्ट सर्किट का निरंतर विकास कर रही है, जो कि बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए अच्छा प्रयास है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थल जीवंत विरासत के रूप में मौजूद हैं। यह दल पाली, तिब्बती, संस्कृत आदि भाषाओं में उन स्थलों को सक्रिय करेंगे। धम्म यात्रा में लाइट ऑफ बुद्ध धर्म फाउंडेशन इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक डॉ. वांगमो डिक्सी के साथ बॉलीवुड के सिनेमेटोग्राफर एरिक, ब्राजील से नेल्सन फिल्फो छमा आदि गणमान्य लोग भी चारिका में सम्मिलित हैं।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विश्व में भगवान बुद्ध को मानने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या है। इनके लिए प्रदेश में महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं। पर्यटन विभाग इन स्थलों का निरंतर विकास कर रही है, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालु विशिष्ट अनुभव लेकर लौटें। बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगे भी धम्म यात्रा जारी रहेगी।