लखनऊ: उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन और सवर्ण वर्ग की नाराजगी से चिंतित भाजपा ने बसपा के नए रुख से राहत की सांस ली है। बसपा के कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनावों में गठबंधन न करने के निहितार्थ गहरे हैं और भाजपा उसे व्यापक संदर्भ में देख रही है।
केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि गठबंधन बनाना कांग्रेस के डीएनए में ही नहीं है। मायावती ने कांग्रेस के साथ मध्य प्रदेश व राजस्थान में गठबंधन न करने को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के हाल के बयान को आधार बनाया है। लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग हुए अजीत जोगी के साथ तालमेल और मध्य प्रदेश में कई सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर पहले ही साफ कर दिया था कि बसपा कांग्रेस के साथ गठबंधन में जाना नहीं चाह रही है। अब उसके फैसले से परोक्ष रूप से भाजपा को राहत मिली है। बसपा का यह रुख आगे भी बरकरार रह सकता है।
भाजपा के लिए सबसे अहम उत्तर प्रदेश है। वहां पर उसे सवर्ण जातियों के कई संगठनों से मुखर विरोध व हाल के किसानों आंदोलन से किसानों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बसपा का रुख उसके लिए भविष्य की आशा लेकर आया है। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-कांग्रेस-रालोद में महागठबंधन के कवायद चल रही है। बसपा का मौजूदा रुख महागठबंधन की संभावना को बड़ा झटका व भाजपा के लिए फायदेमंद है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वह कांग्रेस किसके साथ गठजोड़ करती है, यह पूरी तरह से उसका मामला है। लेकिन मायावती की चिंताओं एवं पीड़ा के मद्देनजर केवल यह कह सकते हैं कि गठबंधन कांग्रेस के डीएनए में नहीं है। वह केवल एक परिवार को ही महत्व देती है।