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उप्र बुखार से त्रस्त, मंत्री मप्र विधानसभा चुनाव में मस्त ! लखनऊ में 1100 रोगी अस्त व्यस्त, यमराज डेंगू में मस्त !

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ : डेंगू से ग्रस्त महिला की बृहस्पतिवार को मृत्यु हो गई। वह चार दिन से निजी अस्पताल में भर्ती थी। डेंगू की चपेट में आए बेटा-बेटी भी अस्पताल में हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि डेथ ऑडिट में मृत्यु की असल वजह साफ होगी। जबकि स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ दीपा शाही प्रदेश में फैले बुखार से बीमार होने वालों की संख्या, कितने ठीक हुये, कितनी मृत्यु हुई बताने से आनाकानी कर रही हैं। उनका कहना है कि आपको जानकारी देना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थी सेन शर्मा के गेट पर मिलने का समय 4-5 सांय लिखा है। इसी समय के दरम्यान वहां जाने पर उनके पीएस और चपरासी बताते हैं कि साहब मीटिंग में हैं, अभी नहीं मिलेंगे। फोन और वाट्सएप का जवाब भी नहीं देते। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से भी बात करने की कोशिश हुई, वाट्सअप किया गया लेकिन उनका भी जवाब नहीं आया। कोरोना जैसे विश्वव्यापी लहर के दौरान बिना स्वास्थ्य विभाग के मंत्री रहे बृजेश पाठक जनहित का हवाला देकर चिठ्ठी लिख कर अपनी ही सरकार को घेरते थे। जिसके कारण उन्हें जनता में बहुत लोकप्रियता मिली।

बुखार से प्रदेश में दहशत व्याप्त है। स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक प्रदेश की जनता को उसके हाल पर छोड़ कर मध्य प्रदेश के चुनाव प्रचार में डूबे हुए हैं। इनसे इतनी गैर जिम्मेदाराना हरकत की अपेक्षा न थी। दुबग्गा की हयातनगर कॉलोनी निवासी संजू (43) को दस दिन पहले तेज बुखार आया। डेंगू की जांच कराई तो पॉजिटिव निकलीं। प्लेटलेट्स 30 हजार से नीचे आ गईं तो कल्याण हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद हालत और बिगड़ गई। इसके बाद वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया। सुबह करीब चार बजे उनकी मृत्यु हो गई। आरोप है कि महिला की मृत्यु के बाद अस्पतालवालों ने दिल का दौरा पड़ने की बात कहकर लॉरी भेज दिया। यहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि लॉरी भेजते समय संजू के शरीर में कोई हरकत नहीं थी। उनका बेटा पारस व बेटी रिचा भी डेंगू की चपेट में हैं। डेंगू से चार मरीजों की जान जा चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में एक की ही मृत्यु हुई है, बुखार से सात मरीजों की जान गई है।

लखनऊ में बृहस्पतिवार को डेंगू के 38 नए मरीज मिले। लखनऊ में इस साल डेंगू मरीजों का आंकड़ा 1100 पार कर चुका है। अलीगंज, इंदिरानगर, एन के रोड व सिल्वर जुबली इलाके से पांच-पांच मरीज मिले। चंदरनगर व चिनहट में चार-चार, टूडियागंज और रेडक्रॉस इलाके में तीन-तीन केस मिले। गोसाईंगज व काकोरी में एक-एक मरीज मिला। 14 घरों में मच्छर पनपने की स्थितियां मिलने पर नोटिस जारी किया गया। फैजुल्लागंज के अन्नपूर्णानगर निवासी मोहित और बबीता समेत तीन डेंगू पॉजिटिव हैं। कई लोग तेज बुखार से ग्रस्त हैं। सरकारी अस्पतालों में सभी को बेड मिल जायेगा इसकी गारंटी नहीं है।

प्रदेश के विभिन्न जिलों में बुखार से हुई मृत्यु से दहशत व्याप्त है। बदायूं में अब तक चार लोगों की बुखार से मृत्यु हुई है। अब तक जिले में संदिग्ध बुखार से मरने वालों की संख्या 164 हो गयी है। बिजनौर, बाराबंकी में चार-चार, मैनपुरी में 2, उन्नाव, कानपुर, रायबरेली, कानपुर, हरदोई, सीतापुर, गोंडा, लखीमपुर खीरी बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर सिद्धार्थनगर आदि जिलों में बुखार से हजारों लोग पीड़ित हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग जानकारी छुपाने के हर जतन कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुखार को लेकर मीटिंग की है, लेकिन मरीज के लिए बिना किसी दबाव या जुगाड़ के अस्पतालों में भर्ती होना टेढ़ी है।

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