नई दिल्ली। केंद्रीय विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि मौजूदा बिजली और कोयला संकट की स्थिति में बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये राज्यों को कार्रवाई करनी चाहिए। श्सिह ने बिजली घरों के लिये कोयले के आयात की स्थिति पर राज्यों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेल-सह-सड़क मार्ग (आरसीआर) का इस्तेमाल किया जाये जिससे राज्यों में स्थित बिजलीसंयंत्रों में कोयले की कमी को पूरा किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी राज्य के आरसीआर कोयला नहीं उठाने की स्थिति में उसे अन्य राज्यों को आबंटित कर दिया जायेगा और ऐसे में उस राज्य में बिजली कटौती होगी तो उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये घरेलू कोयला आपूर्ति की अड़चनों को ध्यान में रखते हुये ताप बिजली संयंत्रों के लिये कोयले के आयात की भी सलाह दी गयी है ताकि आयातित कोयले को घरेलू कोयले के साथ उपयोग किया जा सके। ऐसा करने से इसी महीने में ही बिजली संयंत्रों को अतिरिक्त कोयला मिल जायेगा।
उन्होंने कहा कि कोयला कंपनियों द्वारा प्राप्त कोयले के अनुपातानुसार सभी बिजली कंपनियों को घरेलू कोयले की आपूर्ति की जायेगी। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु और महाराष्ट्र ने कोयले के आयात के लिये आर्डर दे दिया है, जबकि पंजाब और गुजरात अपनी संविदाओं को अंतिम रूप देने के चरण में हैं।
राजस्थान और मध्यप्रदेश संविदायें जारी करने की प्रक्रिया में हैं, वहीं हरियाणा, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड ने न तो कोई संविदा जारी की है और न कोयले के आयात के लिये कोई अहम पहल की है। इन राज्यों को सलाह दी गई कि वे अपने बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कार्रवाई करें। समीक्षा बैठक में बिजली सचिव आलोक कुमार, राज्य सरकारों और बिजली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।