अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे वायू प्रदूषण को कम करने की जरूरत है,इसके लिए सभी को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा। सरकार इसके लिए लगातार कोशिश कर रही है, प्रदेश में वायू प्रदूषण को कैसे कम किया जाये,इसको लेकर विश्व बैंक एक प्रोजेक्ट लेकर आ रहा है,जिसके तहत मध्य,सूक्ष्म उद्योग अपनी मौजूदा तकनीक को कैसे बदले,इस पर कार्य किया जायेगा।
यह कहना है प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल का। वह बुधवार को गोमती नगर स्थित एक निजी होटल में आयोजित स्टेक होल्डर्स कन्सलटेशन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के लिए प्रस्तावित स्वच्छ वायु प्रबंध परियोजना के लिए विश्वबैंक के साथ दो दिवसीय ‘‘स्टेक होल्डर्स कन्सलटेशन’’ कार्यशाला की शुरूआत मंगलवार को हुयी थी।
कार्यशाला के दूसरे दिन अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा लाये जा रहे प्रोजेक्ट के जरिए सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग को वित्त एवं तकनीकि सहायता उपलब्ध कराई जायेगी,जिससे वह अपनी मौजूदा तकनीक को बदल सकें और वायू प्रदूषण को कम किया जा सके।
बताया जा रहा है कि विश्वबैंक, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत बढ़ रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रदेश को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के जरिए सरकार की मंशा है कि उत्तर प्रदेश में वायू प्रदूषण के जोखिम को कम किया जाये। जिससे परिवहन प्रणाली में सुधार हो,साथ ही एअर क्वालिटी मैनेजमेंट में नौकरियों के अवसर उत्पन्न किया जा सके।