कोलंबो। श्रीलंका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया। देश के शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञों ने ओमीक्रोन स्वरूप के कारण मामले बढ़ने की आशंका जताई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नए टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को फाइजर के कोविड-19 रोधी टीके की एक खुराक दी जाएगी।
इससे पहले 15 साल से अधिक उम्र के बच्चों का टीकाकरण किया जा सकता था। स्कूल सोमवार से फिर से खुलने वाले हैं, ऐसे में टीकाकरण का यह ताजा प्रयास शुरू किया गया है। पहले बच्चों को दो समूहों में स्कूलों में जाने की अनुमति थी। यह अभियान ऐसे वक्त में चलाया जा रहा है जब अधिकारी सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश करने के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य करने संबंधी कदम उठा रहे हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, श्रीलंका में ओमीक्रोन से संक्रमण के अब तक 47 मामले आए हैं। एसोसिएशन ऑफ मेडिकल स्पेशलिस्ट्स, जिसमें देश के शीर्ष डॉक्टर शामिल हैं, ने पिछले साल अप्रैल में कोविड-19 के मामलों में हुई वृद्धि का हवाला देते हुए संक्रमण की नयी लहर को लेकर आगाह किया और कहा, ”इतिहास खुद को दोहरा रहा है।” उस वक्त महामारी के कारण लगभग 15,000 लोगों की मौत हुई थी।
एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ”नए साल की पूर्व संध्या पर जश्न के लिए दुकानें और बार खचाखच भरे थे। इसलिए आशंका है कि आने वाले हफ्तों में ओमीक्रोन स्वरूप संक्रमण की एक बड़ी लहर का कारण बनेगा।” देश में संक्रमण के कुल 589,479 मामले आए हैं और 15,065 लोगों की मौत हुई है। मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य है और इसकी अवहेलना करने वालों पर पुलिस कानूनी कार्रवाई करती है। श्रीलंका की 2.2 करोड़ की आबादी में से लगभग 64% का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है और लगभग 20% लोगों को ‘बूस्टर’ खुराक दी जा चुकी है।