अशाेक यादव, लखनऊ। समाजवादी इत्र निर्माता व सपा एमएलसी पुष्पराज जैन पम्पी के यहां छापे का ब्लूप्रिंट आठ दिन पहले 23 दिसंबर को ही तैयार हो गया था। कंपाउंड कारोबारी पीयूष जैन के यहां जीएसटी इंटेलिजेंस की रेड के साथ ही पम्पी भी निशाने पर आ गए थे। पूरे देश में और मीडिया में चर्चा थी कि समाजवादी इत्र बनाने वाले कारोबारी के यहां से खजाना निकला है। तमाम सफाई देने के बाद भी शुक्रवार सुबह आयकर टीम पम्पी घर समेत सभी प्रतिष्ठानों पर पहुंच गई।
बता दें कि पीयूष जैन के यहां पड़े छापे को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विभिन्न अवसरों पर कह रहे थे कि भाजपा के इशारे पर पी जैन (पम्पी ) के यहां रेड होनी थी लेकिन टीम गलती से दूसरे पी जैन यानी पीयूष जैन के यहां पहुंच गई। वहां से करोड़ों का काला धन और विदेशी सोना मिला। भाजपा बताए कि नोटबंदी के बाद भी इतना कैश कहां से आया।
इधर ये सब चल रहा था कि पीयूष के यहां कार्यवाही खत्म होने के तीसरे दिन पम्पी के यहां आयकर का छापा पड़ गया। इस पर पार्टी कार्यालय में सपा मुखिया ने फिर दोहराया कि भाजपा ने अपनी गलती सुधारते हुए पुष्पराज के यहां छापा मारा है। कहा कि उनके पास पहले से सूचनाएं आ रही थीं कि समाजवादियों पर छापे पड़ेंगे। भाजपा का जांच एजेंसियों से गठबंधन हो चुका है।
बताते चलें कि कन्नौज के ही बड़े इत्र कारोबारी मो अयूब मो. याकूब की फर्म भी छापे के दायरे में आई है लेकिन एमएलसी पुष्पराज पम्पी जैन के यहां छापा खासा चर्चा का विषय बना है। पम्पी जिस गली में रहते हैं उससे मात्र 100 मीटर दूरी पर पीयूष का घर है। गली के बाहर ही पम्पी का कारखाना है। वे पेट्रोल पंप व कोल्डस्टोरेज के भी मालिक हैं। उनका कारोबार देश के साथ विदेश में भी फैला है।
खास बात ये कि वे समाजवादी पार्टी व उसके मुखिया के काफी करीब हैं। इससे पीयूष के यहां छापे में उनका नाम आ गया था। और तो और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री भी सार्वजनिक मंच से उन पर निशाना साधते नहीं थक रहे थे। यहां तक कि समाजवादी इत्र को सनजवादी दुर्गंध तक कह डाला। इस पर पम्पी सामने आए और इस सबको गंदी राजनीति से प्रेरित बताया। पीयूष से किसी तरह के रिश्ते को मीडिया के तमाम माध्यमों पर झुठलाया। बावजूद इसके वे आयकर विभाग के निशाने पर आ गए। बताया जा रहा है कि पीयूष जैन से ही मिले किसी क्लू पर ये छापेमारी हुई है।
हालांकि प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा था कि वे व्यापारी हैं। व्यापार करना जानते हैं। जांच कागज़ों पर चलती है। उन्हें विश्वास है कि उनके एमएलसी बेदाग निकलेंगे। लेकिन भाजपा की कलुषित राजनीति से उनका नाम खराब हो रहा है। ये किसी भी हाल में उचित नहीं है।