नई दिल्ली: भारत द्वारा पाकिस्तान से व्यापार तोड़ने का असर पड़ोसी मुल्क में अब साफ-साफ दिखने लगा है। खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से पड़ोसी मुल्क की महंगाई दर फरवरी में आठ फीसदी के पार चली गई। महंगाई बढ़ने से अब पाकिस्तान में लोग काफी परेशान हो गए हैं। पाकिस्तानी अखबार में छपी खबर के मुताबिक पेट्रोल-डीजल के अलावा सब्जियों के दाम काफी बढ़ गए हैं। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले के बाद भारत ने मोस्ट फेवर्ड नेशन दर्जा छीनने के साथ ही पाकिस्तान से निर्यात-आयात होने वाले सामान पर 200 फीसदी ड्यूटी लगा दी थी। इससे अन्य वस्तुओं के साथ ही टमाटर के अलावा कई सब्जियों के दाम बढ़ गए थे। पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा घोषित आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में महंगाई दर 8.2 फीसदी रही। यह दर पिछले चार सालों का सर्वाधिक है।
इससे पहले अक्तूबर 2018 में 6.78 फीसदी महंगाई दर दर्ज की गई थी। इसके लिए सब्जी के अलावा फलों के दाम बढ़ना बताया गया है। टमाटर के दामों में 150 फीसदी, हरी मिर्च 37.43 फीसदी, अनार 11.24 फीसदी, चिकेन 4.17 फीसदी, मछली 2.02 फीसदी, गेहूं 1.43 फीसदी, मटन 0.72 फीसदी, मसूर दाल 0.60 फीसदी और बीफ 0.57 फीसदी शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षा खर्च 11.61 फीसदी, कपड़े व चप्पलों में 6.95 फीसदी और 8.54 फीसदी कीमत घर, पानी, बिजली, गैस में देखने को मिली। पाकिस्तान में तीन हफ्तों से लगातार चढ़ रही टमाटर की कीमतों पर काबू नहीं पाया जा सका है।
इसने साधारण परिवारों के बजट को प्रभावित किया है और कई लोगों ने तो टमाटर का इस्तेमाल ही कम कर दिया है। इस्लामाबाद में एक गृहिणी नसरीन आफताब ने कहा, हम रोजाना सौ रुपये से ज्यादा सब्जी पर खर्च नहीं कर सकते हैं। घर में छह लोगों के भोजन पर दो सौ से पांच सौ रुपये तक खर्च किया जाता है। इसमें कभी-कभी मांस, चिकन, दाल और सब्जी बन जाती है। इन हालत में 250 रुपये किलो की दर से टमाटर खरीदना नामुमकिन है। एक अन्य गृहिणी गुल फिशा ने कहा, टमाटर ने हमारे पूरे बजट को प्रभावित किया है। इससे खाने का जायका बढ़ता है। यदि टमाटर न हो तो बच्चे खाना नहीं खाते। हम अपने खर्चे बढ़ाकर बच्चों के लिए थोड़ा बहुत टमाटर खरीद पा रहे हैं।