अशाेक यादव, लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में एक नया मोड़ आया है। शिक्षकों की लड़ाई कहीं ना कहीं कामयाब होती दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों की 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की मुराद पूरी होने को है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार शाम को अपने आवास पर प्रभावित अभ्यर्थियों से मिले और उन्हें आश्वासन दिया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समस्या का त्वरित व न्याय संगत समाधान करने का निर्देश दिया है, उन्हें जल्द ही इस से अवगत कराया जाएगा।
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के आरक्षित वर्ग अभ्यर्थी 6 माह से राजधानी लखनऊ में आंदोलन प्रदर्शन कर रहे हैं। वे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट लागू कराने की मांग कर रहे हैं। आयोग ने 29 अप्रैल को जारी अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इस भर्ती में आरक्षण देने में विसंगति है। अभ्यर्थियों का कहना है कि ओबीसी वर्ग का 18598 सीटों में से मात्र 2637 सीटें ही दी गई है, इसी प्रकार एससी वर्ग को इस भर्ती में 21% के बजाय 16.6% आरक्षण दिया गया है। आरक्षित वर्ग की सीट पर अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है, जो पूरी तरह से गलत है। मांग है कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।
अमरेंद्र सिंह, विजय यादव, लोहा सिंह की अगुवाई में अब यदि इस मुद्दे पर निरंतर आंदोलन चला रहे हैं। इको गार्डन पार्क के अलावा, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस कार्यालय पर प्रदर्शन हो चुका है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा के अलावा बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी और पार्टी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर अभ्यर्थी कई बार शिकायत कर चुके हैं।
कुछ माह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में अभ्यर्थियों को बुलाकर बातचीत की थी, लेकिन निराकरण नहीं हो सका है। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने उन्हें आवास पर बुलाया और आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का निस्तारण होगा। संकेत है कि अब जल्द ही उनकी समस्या का समाधान होगा।
सरकार इन विकल्पों पर उठा सकती है कदम
- 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षित अभ्यर्थियों के चयन में हुई गड़बड़ियों को दूर करने के लिए कुछ अभ्यर्थियों को और नियुक्ति दी जा सकती है। इस भर्ती में तीन चरण की काउंसलिंग हो चुकी है और अभी तक भर्ती के सारे पदों को भरा नहीं जा सका है, शेष पदों पर नियुक्तियां हो सकती हैं।
- नई शिक्षक भर्ती का इंतजार हो रहा है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष मुकुल सिंघल की अध्यक्षता में कमेटी भी बनी लेकिन, अब तक भर्ती का एलान नहीं हो सका है। विभाग ने शीर्ष कोर्ट में 51 हजार, 112 पद खाली होने का हलफनामा दिया था, जबकि विभाग में करीब 70 हजार से अधिक सहायक अध्यापकों के पद खाली हैं।
- 69 हजार शिक्षक भर्ती के वे अभ्यर्थी जो लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हैं लगातार मांग कर रहे हैं कि 68 हजार 500 शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों पर उन्हें नियुक्ति दी जाए, उनका तर्क है कि शीर्ष कोर्ट ने शिक्षामित्रों के एक लाख 37 हजार पदों पर नियुक्ति करने को कहा था। सरकार ने उसे दो चरणों में बांटा। सरकार इस मांग को खारिज कर रही थी, अब उनकी मांग पूरी कर सकती है।
- मुख्यमंत्री से मिलने के बाद अभ्यर्थियों का दावा है कि शुक्रवार को ही इस मामले में बड़ा एलान हो सकता है, बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी की ओर से प्रेस को संबोधित करने की अटकलें लग रही हैं। चर्चा है कि सरकार नई भर्ती के बजाए उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को रिक्त पदों पर समायोजित कर सकती है।