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68 साल बाद Air India की घर वापसी: रतन टाटा बोले- ‘वेलकम बैक’, 18000 करोड़ रुपये में फाइनल हुई डील

अशाेक यादव, लखनऊ एयर इंडिया की घर वापसी हो गई है। टाटा सन्स अब एयर इंडिया की नई मालिक होगी। कंपनी ने इस सरकारी एयरलाइंस के लिए सबसे अधिक 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई। इसी के साथ अब टाटा सन्स के पास देश में 3 एयरलाइंस होंगी।

सरकार के विनिवेश कार्यक्रम की जिम्मेदारी देखने वाले विभाग दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडे और और नागर विमानन मंत्रालय सचिव राजीव बंसल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। पांडे ने कहा कि टाटा सन्स की इकाई Talace Pvt Ltd 18000 करोड़ रुपये के साथ एयर इंडिया के लिए विनिंग बिडर रही। यह सौदा इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के अजय सिंह ने बोली लगाई थी।

दीपम के सचिव ने कहा कि टाटा की 18,000 करोड़ रुपए की बोली में 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लेना और बाकी का नकद भुगतान करना शामिल है। उन्होंने बताया कि दोनों बोलीदाताओं ने आरक्षित मूल्य से ऊपर बोली लगायी थी और इस सौदे को दिसंबर तक पूरा करने की योजना है।

पांडेय ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित मंत्रियों के एक समूह ने चार अक्टूबर को एयर इंडिया के लिए विजेता बोली को मंजूरी दी। इसके साथ ही टाटा समूह में एयर इंडिया की वापसी हुई है।

रतन टाटा  ने एयर इंडिया की बोली टाटा सन्स के जीतने पर बधाई दी और ट्वीट किया ‘वेलकम बैक, एयर इंडिया !’ इसी के साथ उन्होंने एयर इंडिया की 1932 में शुरुआत करने वाले विजनरी बिजनेसमैन जे.आर.डी. टाटा का एयर इंडिया के साथ एक फोटो और मेसेज भी शेयर किया।

एयर इंडिया की घर वापसी हो गई है। टाटा सन्स अब एयर इंडिया की नई मालिक होगी। कंपनी ने इस सरकारी एयरलाइंस के लिए सबसे अधिक 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई। इसी के साथ अब टाटा सन्स के पास देश में 3 एयरलाइंस होंगी।

सरकार के विनिवेश कार्यक्रम की जिम्मेदारी देखने वाले विभाग दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडे और और नागर विमानन मंत्रालय सचिव राजीव बंसल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। पांडे ने कहा कि टाटा सन्स की इकाई Talace Pvt Ltd 18000 करोड़ रुपये के साथ एयर इंडिया के लिए विनिंग बिडर रही। यह सौदा इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह ने बोली लगाई थी।

दीपम के सचिव ने कहा कि टाटा की 18,000 करोड़ रुपए की बोली में 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लेना और बाकी का नकद भुगतान करना शामिल है। उन्होंने बताया कि दोनों बोलीदाताओं ने आरक्षित मूल्य से ऊपर बोली लगायी थी और इस सौदे को दिसंबर तक पूरा करने की योजना है।

पांडेय ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित मंत्रियों के एक समूह ने चार अक्टूबर को एयर इंडिया के लिए विजेता बोली को मंजूरी दी। इसके साथ ही टाटा समूह में एयर इंडिया की वापसी हुई है।

रतन टाटा  ने एयर इंडिया की बोली टाटा सन्स के जीतने पर बधाई दी और ट्वीट किया ‘वेलकम बैक, एयर इंडिया !’ इसी के साथ उन्होंने एयर इंडिया की 1932 में शुरुआत करने वाले विजनरी बिजनेसमैन जे.आर.डी. टाटा का एयर इंडिया के साथ एक फोटो और मेसेज भी शेयर किया।

एयर इंडिया की 68 साल बाद घर वापसी होने जा रही है। टाटा समूह ने एयरएशिया इंडिया के माध्यम से एयर इंडिया के लिए बोली लगाई। एयर इंडिया को टाटा समूह ने ही शुरू किया था और अब 68 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया, टाटा समूह की झोली में है। जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी।

दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। जब फिर से विमान सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर उसका नाम एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। आजादी के बाद 1947 में एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी। 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया।

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