लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने प्रदेश सरकार से स्वयं को बर्खास्त किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने यह फैसला देर से लिया है। राजभर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं । मुख्यमंत्री जी ने यह फैसला देर से लिया है। यह निर्णय बीस दिन पहले लिया गया होता तो और अच्छा होता। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ उनकी पार्टी का गठगंधन नहीं हुआ और इसके बाद 13 अप्रैल को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फैसला स्वागत योग्य है। मंत्री पद से हटाये जाने पर मुझे कोई शिकवा शिकायत नही है। राजभर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हम मात्र एक सीट मांग रहे थे। हम एक पार्टी हैं और अगर चुनाव नही लड़ेंगे तो जनता को क्या जवाब देंगे। अब हम अकेले चलेंगे और अपनी पार्टी की बात जनता तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछड़े वर्ग के हित की लड़ाई लड़ी तथा यह लड़ाई लड़ते रहेंगे, योगी सरकार को सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने की फुर्सत नही मिली।
राजभर ने कहा कि वह अपनी ताकत का इस्तेमाल पिछड़े वर्ग को जागृत करने एवं पार्टी संगठन को मजबूत करने पर लगाएंगे। उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री को 13 अप्रैल को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के उपरांत उन्हें बर्खास्त कर दिया गया । पूर्व मंत्री ने कहा कि हम चाहते थे कि भाजपा सरकार से छुटकारा मिले ताकि हम अपने दल को सशक्त बना सके। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ की बात होती है तो दलित प्रधानमंत्री क्यों नहीं। राजभर यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि 6-6 महीने हर जाति के लोग पीएम और सीएम बनें, तब सबका कल्याण होगा।