दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड को आखिरकार सौरव गांगुली के रूप में नया अध्यक्ष मिल गया। गांगुली का कार्यकाल उस समय शुरू हो रहा है जब आईसीसी ने भारत को अपने नवगठित कार्यकारी समूह से बाहर कर दिया है, जिससे वैश्विक संस्था के राजस्व में देश का हिस्सा प्रभावित हो सकता है। इस समूह का गठन वैश्विक संस्था का नया संचालन ढांचा तैयार करने के लिए किया गया है। मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय में बुधवार को अधिकारिक रूप से टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ने अध्यक्ष पद संभाला, इसी के साथ 47 वर्षीय दादा ने 65 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। दरअसल, सौरव गांगुली 65 साल बाद ऐसे पहले टेस्ट क्रिकेटर हैं, जो बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए, इससे पहले टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर ‘विज्जी’ के नाम से मशहूर लेफ्टिनेंट कर्नल सर विजय आनंद गजपति राजू बीसीसीआई का अध्यक्ष बने थे, जो 1954 से 1956 तक इस पद पर रहे। विज्जी के नाम से मशहूर महाराजा कुमार विजयनगरम ने 1936 में इंग्लैंड दौरे पर तीन टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की थी। इसके बाद वे 1954 में बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए थे। टेस्ट क्रिकेटर सुनील गावस्कर और शिवलाल यादव ने भी इस पद को सुशोभित किया, लेकिन दोनों अंतरिम अध्यक्ष रहे थे। एन. श्रीनिवासन के बाद उनकी नियुक्ति हुई थी। सौरव गांगुली ने 1992 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए डेब्यू किया था, उसके बाद साल 2000 में उन्होंने टीम की कमान संभाली और टीम के सफलतम कप्तानों में शामिल रहे। गांगुली ने साल 2000 से 2005 तक टीम की कमान संभाली और 2003 में वर्ल्ड कप फाइनल में भी पहुंचे।
47 साल के सौरव गांगुली ने दोहराया 65 साल पुराना रिकॉर्ड, बीसीसीआई अध्यक्ष बनते ही पाया खास मुकाम
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