नई दिल्ली : जीसटी काउंसिल की 25वीं मीटिंग के बाद गुरुवार (18 जनवरी, 2017) को हुई बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए। 29 हैंडीक्राफ्ट आइटम्स को जीरो फीसदी जीएसटी के दायरे में लाया गया है। 49 आइटम्स पर टैक्स की दरें कम की गई हैं। कई आइटम्स को 18 फीसदी से हटाकर 12 फीसदी के दायरे में लाया गया है। कुछ एग्री पार्ट्स के भी टैक्स रेट कम किए गए हैं। बता दें कि फिलहाल कुछ राज्यों का रेवेन्यू ठीक नहीं है। इस पर भी मीटिंग में चर्चा की गई। कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन एटीएफ और रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि अगली बैठक में इस पर विचार किया जाएगा। जीएसटी परिषद की अगली बैठक की तारीख अभी तय नहीं की गई है।वित्त मंत्री ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच पचास हजार रुपए से अधिक मूल्य के सामान या माल की आपूर्ति के लिए अपने साथ इलेक्ट्रानिक वे बिल या ई-वे बिल रखना होगा। यह व्यवस्था एक फरवरी से क्रियान्वित की जा रही है। इससे कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी। जीएसटी को पिछले साल एक जुलाई से लागू किया गया था, लेकिन ई-वे बिल के प्रावधान को आईटी नेटवर्क की तैयारियां पूरी नहीं होने की वजह से टाल दिया गया था।
वहीं जीएसटी रिटर्न को सरल बनाने को लेकर भी कोई फैसला नहीं हो पाया। हालांकि काउंसिल ने छोटे डीलरों के लिए एक सीमलेस आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए योजना में बदलाव को मंजूरी दे दी, इस योजना को अधिक आकर्षक बना दिया है। ये बदलाव बड़े रजिस्टर्ड डीलरों को छोटे डीलरों से खरीदने के लिए सक्षम बनाएंगे और अभी भी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले सकते हैं।
बता दें कि 1 फरवरी 2018 को आम बजट पेश होगा। बजट से ठीक पहले गुरुवार को GST काउंसिल की मीटिंग हुई। जीएसटी परिषद की पिछली मीटिंग आखिरी बार 16 दिसंबर को हुई थी। इसमें कर चोरी को रोकने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल को मंजूरी दी गई थी। इसका ट्रायल 15 जनवरी से शुरू हुआ है।
वित्त मंत्री ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच पचास हजार रुपए से अधिक मूल्य के सामान या माल की आपूर्ति के लिए अपने साथ इलेक्ट्रानिक वे बिल या ई-वे बिल रखना होगा। यह व्यवस्था एक फरवरी से क्रियान्वित की जा रही है। इससे कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी।