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26/11 मुंबई हमले के हीरो हेमंत करकरे पर बयान की सर्जिकल स्ट्राइक कमांडर ने की निंदा, प्रज्ञा ठाकुर पर साधा निशाना

नई दिल्ली: सितंबर 2016 में भारत की ओर से पाकिस्तान में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के कमांडर रहे ले. जनरल (रिटायर) डीएस हुड्डा ने मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर के 26/11 मुंबई हमले के हीरो हेमंत करके पर बयान की निंदा की है. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि उन्होंने हेमंत करकरे को शाप किया था, जिसकी वजह से आतंकियों के हाथों उनकी मौत हुई. प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर ले. जनरल (रिटायर) ने कहा, ‘यहु दुख पहुंचाता है. कोई भी शहीद हो, पुलिस से हो या सेना से, उसे सम्मान मिलना चाहिए. ये बयान सही नहीं हैं.’ ले. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा पर तैयार की गई रिपोर्ट जारी करते हुए मीडिया से बातचीत में कही. साथ ही उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग ने कहा था कि आप सेना और उससे जुड़े मामलों को राजनीतिक मकसद के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते.’

इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘जहां तक सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति और सवाल उठाए जाने की बात है, मुझे लगता है कि जब वरिष्ठ सैन्य अधिकारी आते हैं और कहते हैं कि आपको पता है कि यह ऑपरेशन किया गया है, तो मुझे लगता है कि इसके बाद बात वहीं खत्म हो जानी चाहिए. दुर्भाग्य से, इस पर पूरी बहस खींचती रहती है और यही वजह है कि सेना राजनीतिक बहस में फंस जाती है. मुझे लगता है कि यह सही नहीं है.’ ‘राजनीति से परे: नये सुरक्षा घोषणापत्र पर बहस’ शीर्षक पर परिचर्चा के दौरान अपनी रिपोर्ट ‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति’ की विशेषताएं बताते हुए सेना के पूर्व ले. जनरल ने कहा, ‘एक सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक पाकिस्तान का व्यवहार बदलने के लिए काफी नहीं है.’ गौरतलब है कि हुड्डा ने सितंबर 2016 में नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारत के सैन्य अभियान की निगरानी की थी.

यह चर्चा थिंकटैंक ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ ने आयोजित की थी. इसी परिचर्चा में, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने कहा कि पाकिस्तान का व्यवहार बदलने के लिए भारत को भी पड़ोसी देश के प्रति अपना व्यवहार बदलना चाहिए. पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि भारत-पाकिस्तान संबंधों को सामान्य करने के लिए कोई तरीका खोजा जाना चाहिए ताकि सुरक्षा तथा विभिन्न अन्य पहलुओं के संदर्भ में देश की ‘सबसे बड़ी बाहरी चुनौती” को जवाब दिया जा सके. उन्होंने कहा, ‘हम जो कुछ भी करें, हमें पाकिस्तान का व्यवहार बदलवाना है. यानी हमें भी पाकिस्तान के प्रति अपना व्यवहार बदलना चाहिए. व्यवहार में बदलाव में समय लगेगा लेकिन हमें प्रयास करना चाहिए. हम मजबूत सेनाएं युद्ध जीतने के लिए नही बल्कि युद्ध टालने के लिए बनाते हैं. अगर यह दिमाग में रखा जाए तो सबकुछ ठीक हो जाएगा.’

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