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21 मई को होगा ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल, हनुमान जी का व्रत रखने से घर में सुख-संपदा का होता है वास

ज्येष्ठ का महीना शुरू चुका है और इस बार ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल 21 मई को होगा। जयेष्ठ का महीना 19 मई से 17 जून तक रहेगा। इस दौरान इसमें 4 बड़ा मंगल पड़ेगा। 21 मई को पहला बड़ा मंगल दूसरा 28 मई को, इसके अलावा 4 और 11 जून को बड़ा मंगल पड़ेगा। इस बार बड़ा मंगल सर्वार्थ सिद्धियोग में रहने से शुभ योग बनेगा। बड़ा मंगल में हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है। भगवान हनुमान शिवजी के 11वें रूद्रावतार हैं और आज भी इस कलयुग में सशरीर धरती पर भ्रमण कर रहे हैं। बड़ा मंगल पर हनुमान की पूजा-पाठ और व्रत रखने से घर पर सुख-संपदा का वास होता है।
21 मई पहला बड़ा मंगल-  इस दिन चन्द्रमा धनु राशि में रहेगा, जो मंगल की मित्र राशि है। बृहस्पति देव गुरु हैं, जो धर्म की रक्षा करते है। इससे सर्वत्र कल्याण होता है। सिद्ध योग होने  से हर कार्य में सफलता मिलेगी। ज्येष्ठ के बड़े मंगल की शुरूआत काफी शुभ व सफलतादायक रहेगी।
28 मई दूसरा बड़ा मंगल- 28 मई को दूसरा बड़ा मंगल पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पड़ेगा। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरू है जिसका खास प्रभाव रहेगा। 4 जून तीसरा बड़ा मंगल- तीसरा बड़ा मंगल चार जून को शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ मृगशिरा रहेगा। मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल है, जो सबका मंगल करता है। जोकि एक शुभ संकेत है। यह योग भी बहुत शुभ और मंगलकारी माना जाता है।
11 जून चौथा बड़ा मंगल- चौथा मंगल 11 जून में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के साथ कर्क राशि रहेगी। इस दिन सिद्ध योग भी रहेगा। इस बार ज्येष्ठ के चारों मंगल शुभ योग में पड़ रहे है।
ज्येष्ठ बड़ा मंगल का महत्व
मंगलवार का दिन हनुमान जी माना जाता है। मंगलवार का उपवास रखने से हनुमानजी जीवन की सारी बाधाओं और परेशानियों से छुटकारा मिला जाता है। बड़ा मंगल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। यहां के सारे हनुमान मंदिर में विशेष तैयारियां की जाती है। लखनऊ में बड़ा मंगल मनाने के पीछे मान्यता है कि लखनऊ के नवाब सआदतअली खां के बीमार होने पर हनुमान से मन्नत मांगी थी जिसे पूरे होने पर अलीगंज का पुराना हनुमान मंदिर बनवाया गया था। मंदिर के ऊपर आज भी चांद का निशान बना हुआ है। वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार लखनऊ के जाटमल व्यापारी ने स्वयं प्रकट हनुमान प्रतिमा से मन्नत मांगी थी कि अगर उसका इत्र और केसर बाजार में बिक जाएगा तो वह हनुमानजी का भव्य मंदिर बनवाएंगे। इससे बाद ही नवाब वाजिद अली शाह ने कैसरबाग बसाने के लिए जाटमल से इत्र और केसर खरीद लिया। मंन्नत पूरी होने पर जाटमल ने अलीगंज के नए हनुमान मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा स्थापना करवाई। तब से ज्येष्ठ का हर मंगलवार बड़े मंगल के रूप में मनाया जाने लगा।

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