
राहुल यादव, लखनऊ।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज जनता के नाम ‘अगस्त क्रांति की समाजवादी दिशा-बाइस में बाइसिकल‘ पत्र को डिजिटली जारी किया। उन्होंने इसकी पीडीएफ फाइल सर्वप्रथम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव एवं सांसद प्रो0 रामगोपाल यादव तथा फिर जया बच्चन सांसद को भेजी।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल तथा सदस्य विधान परिषद एसआरएस यादव उपस्थित थे।
अखिलेश यादव ने आज 9 अगस्त के क्रान्ति दिवस पर विशेष रूप से अपना डिजिटल पत्र जारी किया। 9 अगस्त 1942 को गांधी जी के आव्हान पर अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन की शुरूआत हुई थी। 8 अगस्त 1942 को रात में भारत छोड़ों प्रस्ताव पारित हुआ था। गांधी जी ने इस मौके पर करो या मरो का मंत्र दिया। उन्होंने हर हिन्दुस्तानी से यह भी कहा था कि वह अपने को आजाद समझे। हरेक को अपना नेता बनकर अपना कार्यक्रम बनाकर युद्ध को चलाना होगा।
अखिलेश यादव ने गांधी जी के उद्बोधन को समाजवादी पार्टी के हर कार्यकर्ता, नेता, पदाधिकारी के लिए मार्गदर्शन का प्रेरक संदेश बताते हुए कहा है कि सन् 2022 में परिवर्तन के लिए खुद से ही हर समाजवादी कार्यकर्ता को पहल करनी होगी। सन् 2022 में ‘‘समाजवादी सरकार का काम जनता के नाम‘‘ का उद्घोष होगा। यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सन् 2022 के लिए अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं रखने और लोकतंत्र को बचाने के सघन अभियान में सभी की एकजुटता और निष्ठा के साथ अनवरत सक्रियता की अपेक्षा की है।
अखिलेश यादव के अनुसार जिस तरह समाजवादियों ने अगस्त क्रांति के दौरान अग्रणी भूमिका अदा की थी उसी तरह आज भी उनकी स्वर्णिम परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम सभी एकजुट होकर संवैधानिक मूल्यों तथा लोकतांत्रिक मान्यताओं को बचाने की भूमिका निभाएंगे।
श्री यादव ने कहा कि महात्मा गांधी, डाॅ0 राममनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर तथा चौधरी चरण सिंह जैसे नेताओं ने जो सपने देखे थे, वे अधूरे रह गए हैं। कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र से खिलवाड़ किया तो भाजपा ने भी सम्पूर्णक्रांति के लक्ष्य को कमजोर किया है। भाजपा ने समाज को बांटने और नफरत फैलाने का काम किया है। देश के समक्ष आज जो गम्भीर समस्याएं हैं उनका हल पूंजीवादी व्यवस्था से नहीं, समाजवादी व्यवस्था से होगा। देश में विचारधाराओं का भी संघर्ष है। एक तरफ लोकतंत्र है तो दूसरी तरफ अपने को सर्वोपरि दिखाने की एकाधिकारी मानसिकता।
समाजवादी पार्टी डिजिटल परिवर्तन की पक्षधर रही है। भविष्य में इण्टरनेट और डिजिटल टेक्नालाॅजी से व्यवस्था के प्रभावित होने की वास्तविकता को समझते हुए समाजवादी सरकार के समय 18 लाख लैपटाप युवाओं को बांटे गए थे। कृषि और अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार किया गया था। किसानों को आर्थिक सुरक्षा दी गई थी। रोजगार के अवसर प्रदान कर नौजवानों का भविष्य संवारा गया था। महिलाओं को सम्मान मिला था। समाज के सभी वर्गो के हितों का ख्याल रखा गया था। समाजवादी पार्टी विकास को प्राथमिकता देते हुए सामाजिक समरसता तथा सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है।
स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों का सपना देश में किसान, मजदूर और गरीबों का राज स्थापित करना था ताकि सभी को हक और सम्मान का जीवन हासिल हो सके। इस अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन के बलिदानियों को नमन करते हुए उनके द्वारा स्थापित आदर्शों एवं मूल्यों को अपनाने के लिए समाजवादी पार्टी संकल्प्ति हैं।