पटना। बिहार की सियासी लड़ाई दिन प्रीतिदिन गर्माती जा रही है। जहाँ एक ओर जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार बागी नेता शरद यादव को पार्टी से निकालने के साथ साथ राजयसभा सदस्यता भी छीनने का काम करने जा रहे हैं तो वही दूसरी ओर, बागी नेता शरद यादव भी झुकने को तैयार नहीं हैं। शरद यादव नितीश के खिलाफ चुनाव आयोग भी जाने का विचार कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो शरद यादव चुनाव आयोग में असली जेडीयू का हक़दार खुद को बताने के लिए जोर आजमाइस करगें। वहीँ शरद यादव के एक खास करीबी अरुण श्रीवास्तव के मुताबिक आगामी 18 सितंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी। जिसमें शरद यादव को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा।
शरद ने बगावत करते हुए लालू प्रसाद की ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली में शिरकत किया था। उसके बाद से नीतीश खेमे की ओर से लगातार शरद यादव के खिलाफ कार्रवाई के दावे किए जा रहे हैं। नीतीश खेमे की ओर से यह भी कहा गया कि शरद यादव की सदस्यता रद्द करवाने के लिए पहल किए जाएंगे।
शरद यादव गुट की ओर से दावा किया गया कि अगर नीतीश खेमे की ओर से शरद यादव पर दल विरोधी काम करने को लेकर राज्यसभा के सभापति के पास शिकायत करेंगे तो वैसे में हम भी चुनाव आयोग में जाकर नीतीश कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे।
अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची की धारा 2 का उल्लंघन शरद ने नहीं नीतीश कुमार ने किया है। शरद तो जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आदेश पर ही राजद के रैली में शामिल हुए थे।
जदयू के पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार सिंह ने कहा कि शरद यादव ने लालू प्रसाद यादव की रैली में जाकर स्वेच्छा से पार्टी की सदस्यता का परित्याग कर दिया है और अब उन्हें लालू प्रसाद के परिवार और अपने परिवार के साथ मिलकर राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। नीरज कुमार ने कहा कि शरद यादव के साथ न कोई विधायक न कोई MP हैं ऐसे में उनकी सदस्यता जानी तय है।