पंजाब: 150 फीट गहरे बोरवेल में फंसकर दो साल के मासूम फतेहवीर सिंह की मौत हो गई। मामला अब होईकोर्ट पहुंच गया और याचिका दायर कर दी गई है। पंजाब के संगरूर में भवानीपुरा निवासी फतेहवीर को लगभग 109 घंटे बाद निकाला जा सका, लेकिन बचाया नहीं जा सका। इसके खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट की बेंच इस याचिका पर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगी। याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि यह मामला पूर्ण तौर पर लापरवाही का है। अगर स्थानीय प्रशासन नियमों के अनुसार काम करता, तो न बच्चा बोरवेल में गिरता और न ही बच्चे की जान जाती। बच्चे को बचाने के लिए भी सही ढंग से काम नहीं किया गया, इसलिए इस मामले की सही जांच करके दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और परिवार को उचित मुआवजा भी दिया जाए। याचिका में बताया गया कि बोरवेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ निर्देश जारी किए थे, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में बोरवेल/ट्यूबवेल की खुदाई की निगरानी सम्बन्धित सरपंच व कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाएगी। जबकि शहरी क्षेत्र में यह कार्य भू-जल विभाग तथा जन स्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता व अभियंता तथा नगर परिषद द्वारा किया जाएगा। बोरवेल व ट्यूबवेल लगाने वाले मालिक को अपने क्षेत्र में लगाए बोरवेल एवं ट्यूबवेल के समीप सूचना पट्टी भी लगवाना होगा। इस सूचना पट्टी पर बोरवेल की खुदाई करने वाली एजेंसी, उसका पूरा पता, बोरवेल/ट्यूबवेल के उपयोग कर्त्ता एवं इसके मालिक का नाम व पता आदि भी लिखवाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त कुएं की खुदाई करने वाली एजेंसी का जिला प्रशासन के पास पंजीकृत होना भी अनिवार्य है।
150 फीट गहरे बोरवेल में फंसकर दो साल के मासूम फतेहवीर सिंह की मौत का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
Loading...