लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुखिया अखिलेश यादव ने सीबीआई में जारी घटनाक्रम का जिक्र करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि संस्थाओं को खत्म करने का काम सबसे ज्यादा बीजेपी ने ही किया है.अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आज देश की संस्थाओं पर ताले लग रहे हैं. आखिर कौन सी ऐसी संस्था है जो बची रह गई है. किसी भी सरकार या राजनीतिक दल को संस्थाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. आप ऐसा करेंगे तो जनता किस पर विश्वास करेगी. संस्थाओं को खत्म करने का काम सबसे ज्यादा बीजेपी ने ही किया है. देश का बैंकिंग तंत्र चौपट हो गया. यह सीबीआई से ज्यादा बड़ा संकट लाएगा.’
अखिलेश ने कहा ‘देश की एक-एक संस्था पर प्रश्नचिह्न लग रहा है. कौन किसको बचा रहा है. सरकारों ने सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया है. उससे बहुत से लोगों को डराया है.’
सपा अध्यक्ष ने सरकार के इन्वेस्टर समिट पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के लोगों ने पिछली फरवरी में लखनऊ में बड़े तामझाम के साथ इन्वेस्टर्स समिट की थी. सरकार बताए कि कितने निवेशक आए और कौन सा बैंक उन्हें सहयोग कर रहा है. हमें पता लगा है कि इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन में लगी चीनी लाइट में घोटाला कर दिया गया है. मगर हम अब तो इसकी सीबीआई जांच की मांग भी नहीं कर सकते.’’
उन्होंने एक सवाल पर कहा ‘‘राफेल जैसे इतने बड़े समझौते पर अगर सवाल खड़े हुए हैं तो बीजेपी को सचाई के साथ जरूर सामने आना चाहिए. इस डील का सच जानने के लिये सपा ने संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग की है. अगर यह समिति बन गयी तो जनता को बहुत से सवालों का जवाब मिल जाएगा.’’
अखिलेश ने कहा कि वाहवाही के साथ हुई नोटबंदी की देन है कि आजादी के बाद देश में पहली बार बैंक घाटे में आ गये हैं. नोटबंदी से देश में निवेश ही नहीं बल्कि खुशहाली भी रुकी है. आज लोग बैंकों का पैसा लेकर विदेश में बैठे हैं. अगर सिर्फ 2000 प्रमुख कर्जदार लोग अपना ऋण वापस कर दें तो शायद बैंकों में फिर से खुशहाली आ जाएगी. इन लोगों ने पूरी की पूरी अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है.