शिमला: हिमाचल में स्वाइन फ्लू ने पांव पसार लिए हैं। सोमवार को प्रदेश के अस्पतालों में 24 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई इसमें 9 लोगों में बीमारी की पुष्टि हुई है। प्रदेश में पीड़ितों का आंकड़ा 44 पहुंच गया है। जिला कांगड़ा में सर्वाधिक 18 इसकी गिरफ्त में है। प्रदेश सरकार ने स्वाइन फ्लू पर काबू पाने के लिए सीएमओ और वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश जारी किए हैं। हिमाचल में इस बीमारी से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 7 लोगों की हिमाचल में, जबकि 3 लोगों की पीजीआई चंडीगढ़ में मौत हुई है। खांसी, जुकाम और बुखार आने पर तुरंत अस्पताल पहुंचने की एडवायजरी जारी की गई है। यह बीमारी एक दूसरे से फैलती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को भीड़भाड़ से दूर या फिर मुंह नाक पर मास्क लगाने की सलाह दी है। स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में फैलता है, किसी के शरीर में प्रवेश कर यह लोगों को अपनी गिरफ्त में ले सकता है।
अस्पतालों में इन दिनों बुखार और खांसी के मरीज पहुंच रहे हैं। जांच पड़ताल के बाद इन लोगों में बीमारी की पुष्टि हो रही है। सोमवार तक प्रदेश के अस्पतालों मेें 179 लोगों के टेस्ट किए गए। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि बीमारी पर काबू पाया जा रहा है। अस्पतालों में दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। डॉक्टरों का मानना है कि दो और दो साल से छोटे बच्चे, 65 साल तथा इससे ज्यादा उम्र के लोगों को यह बीमारी आसानी से अपनी गिरफ्त में लेती है। इसका कारण यह है कि इन लोगों के शरीर में बीमारी से लड़ने की कम क्षमता होती है। गर्भवती महिलाएं और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को भी जल्द यह बीमारी अपनी चपेट में लेती है। सर्दी, खांसी-जुकाम और बुखार इसे ए श्रेणी में रखा गया है, जबकि 101 और इससे ज्यादा बुखार आने को बी और चार दिन तक इस बुखार के न उतरने को सी श्रेणी में रखा गया है। प्रदेश में यह टेस्ट तीन जगह होते हैं। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला, राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा, कांगड़ा और सीआरआई कसौली में इन टेस्टों को कराया जा रहा है।