अशाेक यादव, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि संतों का अपमान करने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, हिन्दू और सनातन संस्कृति के विरोधी हैं। सिंह ने एक बयान में कहा कि हिन्दू मान्यता, हिन्दू संस्कृति के प्रतीकों और पूज्य संतों का अपमान करने वाले सपा मुखिया को संतों और सनातन मतावलंबियों से माफी मांगनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि लगातार चुनावों में पराजय से अखिलेश हताश और निराश हैं। उन्हें फिर एक बार अपनी हार का अंदेशा हो गया है, जिस कारण उनके बोल बिगड़े हुए हैं। सिंह ने कहा कि अखिलेश भारत की पहचान से जुड़े प्रतीकों, भारत माता, पूज्य संतगणों और हिन्दू धार्मिक प्रतीकों के प्रति अपना घृणाभाव दिखाते हैं।
ऐसा करके वह भारत और भारतीयता दोनों के विरोधी बनते जा रहे हैं। सपा मुखिया की हिन्दू संस्कृति, संत परंपरा और जीवनचर्या से घृणा जगजाहिर है। उन्होंने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर ले जा रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ अखिलेश केवल चुनाव के वक्त ही धार्मिक प्रयोजनों का स्वांग रचते हैं। वह अपने अनर्गल प्रलाप से एक पंथ और समुदाय के लोगों को तो खुश कर सकते हैं,
लेकिन उन्हें संत परंपरा और सनातन संस्कृति को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को वे चोटिल करते हैं। उनका यह खिलवाड़ उनकी वोट बैंक वाली राजनीति को भारी पड़ेगा। सिंह ने कहा कि अखिलेश की जाति और धर्म के आधार पर तुष्टिकरण की राजनीति को जनता समझ गई है। वह सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास लेकर चलने वाली भाजपा सरकार की कार्यशैली को ही 2022 में एक बार आयेगी।