नई दिल्ली: लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में कुछ सुराग हाथ लगे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक हत्यारे भगवा कपड़े पहने हुए थे और मिठाई के डिब्बे में हाथ में थे जिसमें पिस्टल और चाकू छिपा रखा था। पुलिस को मौके से 32 बोर की पिस्टल, कारतूस का खोखा मिला है। गुजरात की दुकान का एक डिब्बा मिला है। हमलावारों ने पहले गोली मारी थी और फिर धारदार हथियार से गला रेत दिया और वहां से फरार हो गए। कमलेश को किंग जार्ज मेडिकल युनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद सीएम योगी ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी से मामले की रिपोर्ट तलब की है। आपको बता दें कि लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में करीब दोपहर भगवा कुर्ता पहने दो लोग कमलेश के ऑफिस पहुंचे। इसी इमारत के एक हिस्से में कमलेश रहते भी हैं। उनका एक कार्यकर्ता ही हत्यारों को उनके पास ले गया था। बताया जा रहा है कि कमलेश ने उनके लिए घर से चाय नाश्ता भी मंगवाया था। फिर इसके बाद अपने कार्यकर्ता को पान मसाला लाने के बाहर भेजा। जब वह वापस आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ पाया। कमलेश की दिन दहाड़े हुई हत्या से हड़कंप मच गया और उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया। जब उनका शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया तो उनके समर्थकों ने तोड़फोड़ भी की। फिलहाल जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक कमलेश के शव को अंतिम संस्कार के लिए सीतापुर स्थित उनके पैतृक आवास भेजा जाएगा। कमलेश का विवादों से पुराना नाता रहा है। साल 2014 में उन्होंने सीतापुर जिले के सिधौली में एक सभा में अपनी जमीन पर गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था। साल 2015 में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब पर अपमानजनक टिप्पणी की थी जिसकी वजह से उनके ऊपर एनएसए लगा दिया गया था। कमलेश के इस बयान पर बिजनौर के मौलाना ने उनके सिर पर ईनाम का भी ऐलान कर डाला था। कमलेश की पत्नी ने मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। वहीं यूपी पुलिस ने मामले में गुजरात पुलिस से भी मदद ले रही है।
हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में कुछ सुराग आये सामने…
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