अलीगढ़: पूरे देश में बुधवार को शहीद दिवस के मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी गई. 71 साल पहले 30 जनवरी के दिन नाथूराम गोडसे नाम के हत्यारे ने अहिंसा के इस पुजारी की हत्या कर दी थी. लेकिन इसी मौके पर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बुधवार को अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कुछ कार्यकर्ताओं ने एक शर्मनाक हरकत की. उन्होंने महात्मा गांधी के पुतले पर तीन गोलियां मारीं, पेट्रोल छिड़कर पुतले को फूंका और मिठाई बांटी. इतना ही नहीं इस दौरान ‘गोडसे जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए गए. राष्ट्रपिता का इस तरह अपमान करने पर इन लोगों के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई होगी अभी तो यही सवाल पूछा जा रहा है. हालांकि, फिलहाल पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है.सोशल साइट पर वीडियो और तस्वीरें सामने आने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है,
उसमें कहा गया है कि कुछ पुलिसकर्मी जब गश्त पर थे तो उन्होंने देखा कि कुछ लोग गांधी जी की तस्वीर को गोली मार हैं. जिस पुलते को गोली मारी गई, उसमें खून जैसे रंग का तरल पदार्थ रखा हुआ था, जब उसे गोली मारी गई तो वह खून उसमें से बहने लगा. पुलिस ने बताया कि जब वह उन लोगों को पड़कने गई तो वे वहां से भाग गए. हम आपको बता दें जब महात्मा गांधी की इस तरह से बदसलूकी की जा रही थी तो वह मीडिया के सामने की गई. हिंदू महासभा के लोगों न मीडिया के लोगों के सामने ही फोटो सेशन करवाया. एफआईआर में हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन और उनके पति अशोक पांडे सहित नौ लोगों का नाम लिखा गया है. हालांकि, पुलिस ने अभी एक ही आरोपी को गिरफ्तार किया है. इसके बाद पूजा शकुन ने मीडिया को बताया कि उसके संगठन ने हत्या की ‘रिक्रिएशन’ करके नई परंपरा की शुरुआत की है.
और अब दशहरा पर राक्षस राजा रावण के उन्मूलन के समान इसका अभ्यास किया जाएगा. नाथूराम गोडसे के सम्मान में हिंदू महासभा महात्मा गांधी पुण्यतिथि को शौर्य दिवस (शौर्य दिवस) के रूप में मनाती है. वहीं, उत्तर प्रदेश के मेरठ में अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाया. इस मौके पर महासभा के कार्यकर्ताओं ने वीर सावरकर को नाथूराम गोडसे का राजनीतिक गुरु बताते हुए उन्हें भारत रत्न देने की मांग भी की. महासभा के कार्यालय परिसर में एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने नाथूराम गोडसे की प्रतिमा को फूल-माला पहनाई. इस मौके पर महासभा के नेता पंडित अशोक शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी के कारण ही देश का बंटवारा हुआ था और इस दौरान हुई हिंसा में 20 लाख से अधिक लोग मारे गये थे. अगर गोडसे ने गांधी की हत्या नहीं की होती तो देश को अनेकों विपतियों का सामना करना पड़ता. गौरतलब है कि महात्मा गांधी की हत्या करने के अपराध में गोडसे को 15 नवंबर 1949 को फांसी दे दी गई थी.