दिल्ली: दिल्ली और पंजाब में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) में एक बार फिर कलह शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी की नेता अलका लांबा ने पार्टी के व्हाट्सऐप ग्रुप से खुद को बाहर निकाले जाने को लेकर अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है. पार्टी के व्हाट्सऐप ग्रुप से निकाले जाने पर भड़कीं अलका लांबा ने पूछा, क्या चुनावी हार के लिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा नहीं देना चाहिए? अलका लांबा ने ट्वीट में अरविंद केजरीवाल को हटाकर संजय सिंह को आम आदमी पार्टी का संयोजक बनाने की मांग उठाई है.साथ ही अलका लांबा ने व्हाट्सऐप ग्रुप का एक नया स्क्रीन शॉट शेयर किया है,
जिसमें अरविंद केजरीवाल विधायकों से लोकसभा चुनाव के बाद लोगों के बीच जाकर सभाएं करने को कह रहे हैं. इसके अलावा अलका लांबा ने व्हाट्सऐप ग्रुप पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज को मोहरा और चमचा भी कहा है. अलका लांबा ने पार्टी ट्वीट के जरिए छोड़ने के भी संकेत दिए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि 2013 में आप के साथ शुरू हुआ उनका सफर 2020 में खत्म हो जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बनी रहेगी. अलका लांबा ने पार्टी के साथ 6 साल के अपने सफर को यादगार बताया है.बता दें कि अलका लांबा को शनिवार को पार्टी विधायकों के व्हाट्सऐप ग्रुप से एक बार फिर बाहर कर दिया गया है. इस व्हाट्सएप ग्रुप में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं. नाराज अलका लांबा ने कहा कि गुस्सा मुझ पर निकाला जा रहा है.
कभी ग्रुप में जोड़ते हो, कभी निकालते हो, बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते, बात करते और गलतियों पर चर्चा करने के बाद सुधार करके आगे बढ़ते. अलका लांबा ने कहा कि पार्टी के कुछ लोगों ने पिछले 5 महीनों से जोर लगा रखा है कि मुझे पार्टी से बाहर कर दिया जाए, या ऐसा माहौल पैदा किया जाए कि मैं भी दूसरों की तरह पार्टी छोड़ कर चली जाऊं. लेकिन मेरा जनता से 5 साल साथ देने का वायदा था, वायदा तो निभा कर ही जाऊंगी, कुछ अधूरे काम पूरे भी करने हैं. अलका लांबा ने कहा अरविंद केजरीवाल की गलतियों की वजह से ही आज पार्टी की यह हालत हो गई है, तो बिना उन बड़ी गलती का जिक्र किए, बिना उन पर चर्चा किए और बिना उनमें सुधार किए कैसे कोई आगे बढ़ा जा सकता है? जनता से एक बार फिर माफ़ी मांगने से नहीं होगा.