लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पूर्व कैबिनेट मंत्री व सपा नेता आजम खां द्वारा अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए दर्ज याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता अनिल कुमार शाही से जवाब तलब किया है। उन्हें 24 मई को अदालत में जवाब देना होगा।
अदालत ने उनसे पूछा है कि क्या एसआईटी विवेचना के दौरान गिरफ्तारी कर सकती है या तफ्तीश के बाद प्रमुख सचिव गृह का अध्यक्षता में गठित समिति के निर्णय केबाद अग्रिम कार्रवाई की जा सकती है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 24 मई को तय करते हुए शाही को इसी दिन अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
पूर्व मंत्री ने अपनी याचिका में जल निगम की भर्तियों में अनियमितताओं में एसआईटी द्वारा दर्ज एफआईआर खारिज करने की प्रार्थना की है। बीते सोमवार को आजम और प्रदेश के गृह विभाग ने याचिका पर सुनवाई टालने की अपील की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था।
गौरतलब है कि सपा सरकार में जल निगम में विभिन्न पदों पर हुईं 1342 भर्तियों में अनियमितताओं को लेकर एसआईटी ने एफआईआर दर्ज की हुई है। इसमें पूर्व नगर विकास मंत्री व जल निगम के चेयरमैन आजम खां, उनके ओएसडी सैयद आफाक अहमद, जल निगम के सचिव श्रीप्रकाश सिंह, एमडी प्रकाश कुमार आसुदानी व मुख्य अभियंता अनिल कुमार खरे को आरोपी बनाया गया है।
परीक्षा करवाने वाली एजेंसी एपटेक पर भी एफआईआर हुई है। भाजपा सरकार ने इन भर्तियों की जांच पिछले वर्ष जुलाई में शुरू करवाई थी। भर्तियों से चयनित 122 सहायक इंजीनियरों को वर्तमान सरकार ने अगस्त में बर्खास्त कर दिया था।