बदलते और गलत लाइफस्टाइल के कारण लोगों में थायरॉइड की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। थायराइड ग्लैंड में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाने के कारण यह समस्या होती है। थायराइड भी दो तरह के होते हैं। थायराइड दो तरह का होता है- हाइपरथायराइड और हाइपोथायराइड। हाइपरथायराइड में वजन कम होने लगता है। वहीं हाइपोथायराइड में वजन बढ़ने, कब्ज और स्किन संबंधित समस्याएं होने लगती है।आज हम आपको कुछ फूड्स के बारे में बताएंगे, जिसे हाइपोथायरॉइड में खाने से आपकी समस्या बन सकती है। ऐसे में बेहतर होगा कि अगर आप हाइपोथायराइड के शिकार है तो इन्हें अवॉइड करें।
क्या है हाइपोथायराइड
इसमें थायराइड ग्लैंड सक्रिय नहीं होता, जिससे शरीर में जरूरत के मुताबिक ज्3, ज्4 हार्मोन नहीं पहुंच पाता। इसकी वजह से शरीर का वजन अचानक बढ़ जाता है। सुस्ती महसूस होने लगती है। शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। अनियमित पीरियड, कब्ज की शिकायत, चेहरे और आंखों पर सूजन आ जाता है। यह बीमारी 30 से 60 साल की महिलाओं में अधिक होती है।
हाइपोथायराइड के लक्षण
अचानक वजन बढ़ना
शरीर और मांसपेशियों में दर्द
अनियमित माहवारी
प्रजनन की समस्या
हृदय गति का अचानक कम हो जाना
आई-ब्रो या भौहों के बाल झड़ना
रूखी और बेजान त्वचा
नाखूनों का खराब होना
कब्ज या पेट की समस्या
अचानक थकान होना, चिड़चिड़ापन आना, हांथों का कांपना
सामान्य ठंड भी बर्दाश्त ना कर पाना
चेहरे में सूजन
इन चीजों से करें परहेज
सोया फूड्स
सोया फूड्स जैसे टोफू, टेम्पेह और सोया दूध का अधिक सेवन हाइपोथायरॉइड का खतरा बढ़ते हैं। दरअसल, इसका सेवन शरीर में आयोडीन अवशोषण में बाधा डालता है, जिससे इसका खतरा बढ़ जाता है।कच्ची पत्तदार सब्जियां
वैसे तो सब्जियां खाना सेहत के लिए फादेमंद होता है लेकिन कुछ हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सरसों का साग और काले (ज्ञंसम) आदि को कच्चा या अधिक मात्रा में खाने से हाइपोथायराइड की समस्या बढ़ सकती है।
पत्तेदार सब्जियां
पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रसेल्स स्प्राउट्स, पत्तागोभी, ब्रोकली, फूलगोभी आदि भी इसका खतरा बढ़ाती हैं। कोशिश करें कि आप कम से कम मात्रा में इसका सेवन करें।
कॉफी और ग्रीन टी
थायरॉयड दवा लेन के तुरंत बाद कॉफी या चाय ना लें। इससे थायराइड ग्लैंड में समस्या हो सकती हैं। इसके अलावा कैल्शियम युक्त भोजन जैसे दही या दूध और अपनी दवाई के बीच भी कम से कम 4 घंटे का अंतर रखें क्योंकि यह थायरॉयड ग्रंथि फंक्शन को मॉड्यूलेशन करके आपकी परेशानी बढ़ा सकता है।
ग्लूटेन फूड्स
ग्लूटेन युक्त पदार्थ सूजन पैदा करके थायरॉयडिटिस बढ़ा सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप इनका भी कम मात्रा में सेवन करें। इसकी बजाए आप अपनी डाइट में साबुत अनाज को शामिल कर सकते हैं।
नट्स
अखरोट, मूंगफली, पाइन नट्स, और बादाम जैसे नट्स हाइपोथायरायडिज्म के साथ-साथ गोइट्रोजेनिक बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए भी समस्या बन सकते हैं। हालांकि अगर आपके शरीर में आयोडीन की कमी नहीं है तो आप सीमित मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं।
गाजर और शलजम
अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं तो मूली, गाजर या शलजम का सेवन ना करें क्योंकि इससे आपकी प्रॉब्लम और भी बड़ सकती है।
पीच, नाशपाती और स्ट्रॉबेरी
हाइपोथायरायडिज्म होने पर आड़ू, नाशपाती और स्ट्रॉबेरी खाने से भी बचें। इसकी बजाए स्नैक्स में एंटीऑक्सीडेंट युक्त फूड्स, ब्लूबेरी, चेरी या खट्टे फल आदि शामिल करें।
प्रोसेस्ड फूड्स
रिफाइंड व प्रोसेस्ड फूड्स भी हाइपोथायरायडिज्म की समस्या को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप इनसे दूर रहें। रेडी-टू-ईट स्नैक्स और भोजन, आलू के चिप्स, कुकीज, केक, स्नैकिंग स्टेपल जैसे हॉट डॉग आदि खाने से भी बचें।
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