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हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक कांग्रेस में नाराजगी, अशोक तंवर ने चुनाव समितियों के सभी पदों से दिया इस्तीफा, प्रचार से दूर रहेंगे संजय निरुपम

नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के भीतर चल रही बगावत एक बार फिर उभरकर सामने आ गई है। हरियाणा और महाराष्ट्र में इसी महीने विधानसभा चुनाव होने हैं और दोनों जगह कांग्रेस में फूट खुलकर सामने आ रही है। मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाए और अनदेखी का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ने के संकेत दिए तो वहीं, दूसरी तरफ हरियाणा में भी पार्टी के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर ने चुनाव समितियों के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद अशोक तंवर ने कहा कि मैं पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम करता रहूंगा। महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय निरुपम पार्टी से नाराज हो गए हैं और वह चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। संजय निरुपम ने कहा कि मैंने एक उम्मीदवार की सिफारिश की थी, लेकिन उसे भी टिकट नहीं दिया गया है। संजय निरुपम ने ट्वीट किया, ‘ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी अब मेरी सेवाएं नहीं चाहती है। मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में सिर्फ एक नाम की सिफारिश की थी। सुना है कि इसे भी खारिज कर दिया गया है। जैसा कि मैंने पहले नेतृत्व को बताया था, उस स्थिति में मैं चुनाव प्रचार में भाग नहीं लूंगा। यह मेरा अंतिम निर्णय है।’ इसके अलावा संजय निरुपम ने एक और ट्वीट में लिखा, ‘मुझे उम्मीद है कि पार्टी को गुडबाय कहने का वक्त नहीं आएगा, लेकिन, लीडरशिप जिस तरह से मेरे साथ बर्ताव कर रही है, उससे लगता है कि अब वह दिन दूर नहीं है।’ बता दें कि संजय निरुपम को इस साल की शुरुआत में मुंबई कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। उधर, हरियाणा में टिकट वितरण में अपने समर्थकों की अनदेखी से नाराज कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने विधानसभा चुनाव के लिए बनी विभिन्न समितियों से इस्तीफा दे दिया।

अशोक तंवर ने आरोप लगाया कि हरियाणा कांग्रेस अब ‘हुड्डा कांग्रेस’ बनती जा रही है। तंवर ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें समितियों से मुक्त किया जाए और वह सामान्य कार्यकर्ता की तरह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। वह चुनाव के लिए बनी प्रदेश चुनाव समिति सहित कई समितियों में शामिल थे।बता दें कि महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान होगा और मतगणना 24 अक्टूबर को होगी। नॉमिनेशन भरने की आखिरी तारीख 4 अक्टूबर को होगी और नामांकन वापस लेने की तारीख 7 अक्टूबर को होगी। लोकसभा चुनावों के बाद यह इस साल के पहले राज्य चुनाव हैं। हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर को और महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है।

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