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हजरत उमर का हुकूमत करने का तौर तरीका अपनाने योग्य : मौलाना खालिद रशीद

लखनऊ। दूसरे खलीफा हजरत उमर फारूक रजि0 ने हुकूमत के निजाम को सही रखने के बेमिसाल और अपनाने योग्य कदम उठाये। आप रजि0 का हुकूमत करने का तौर तरीका दुनिया के तमाम हुकूमत करने वालों के लिए एक उदाहरण है। आज भी दुनिया के किसी हिस्से में फारूकी तौर तरीके पर अमल हो जाए तो वह हिस्सा जमीन में रश्क करने के योग्य बन जाए। वहाँ के लोग इस्लाम की तमाम बरकतों से लाभ उठा सकेंगें। हजरत उमर रजि0 जमाल-ए-नुबुव्वत के सच्चे शेदाई थे। आप रजि0 कबीला-ए-कुरैश के एक अजीज़ शख्स थे वह ताक़तवर शख्सियत के मालिक थे। इन ख्यालात को इमाम ईदगाह व काज़ी-ए-शहर लखनऊ मौलाना ख़ालिद रशीद फरंगी महली नाजिम दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल ने व्यक्त किया। वह आज इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के तत्वाधान में दारूल उलूम के मौलाना अब्दुल रशीद फरंगी महली हाल में दस दिवसीय जलसाहाय ‘‘शुहादाये दीने ह़क व इस्लाहे माआशरह’’ के अन्र्तगत पहले जलसे को सम्बोधित कर रहे थे।

मौलाना ने कहा कि मुसलमानों के दूसरे खलीफा ह़ज़रत उमर फारूक़ रजि॰ की शहादत इस्लामी इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। आप रजि0 ही के लिए अल्लाह के रसूल स॰ ने फरमाया है कि मेरे बाद अगर कोई नबी होता तो उमर होते। हज़रत उमर फारूक रजि॰ के इस्लाम लाने से मुसलमानों को बहुत ताकत मिली थी। हज़रत उमर रजि0 की उपाधि ‘‘फारूक’’ था जिस का अर्थ सच और झूट को पहचानने वाला। उन्होंने कहा कि इस्लाम के विभिन्न विभागो में हजरत उमर की प्राथमिकताऐँ, इस्लामी इतिहास का उज्जवल अध्यायेँ हैं। मौलाना फरंगी महली ने मुसलमानों से अपील की कि वह सहाबा क्राम की पाक जिन्दगियों को अपना नमूना बनाये और एक स्वच्छ समाज के निर्माण और स्थापना में अपना प्रभावशाली और महत्वपूर्ण योगदान दें। जलसे का आरम्भ दारून उलूम निजामिया फरंगी महल के उस्ताद मौलाना अब्दुल लतीफ नदवी की तिलावत कलाम पाक से हुआ जलसे का संचालन मौलाना हारून निजामी ने किया और जलसा का अंत मौलाना खालिद रशीद की दुआ पर हुआ।

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