लखनऊ। यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार के खिलाफ झूंठा आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने, अभियोजन स्वीकृति के सम्बन्ध में उच्चधिकारियों से अनर्गल पत्राचार करने और इस प्रकार से प्रमुख सचिव स्तर के सूबे के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी के शासकीय कार्य में अवरोध डालने,उनको शासकीय रूप से क्षति पंहुचाने एवं उनको अकारण बदनाम करने के आपराधिक आरोप लगाते हुए एक तहरीर लखनऊ के थाना हजरतगंज में दी गई है, उच्च न्यायालय इलाहाबाद लखनऊ खंडपीठ द्वारा बीती 10 मई को याचिका संख्या में अमिताभ के खिलाफ पारित किये गए आदेश को अमिताभ के आपराधिक कृत्यों के प्रमाण के रूप में पेश करते हुए लखनऊ स्थित समाजसेविका और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने बीती 18 मई की शाम हजरतगंज थाने जाकर अमिताभ के खिलाफ तहरीर दे दी है और थानाध्यक्ष राधा रमण सिंह से प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखकर अमिताभ के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की है,
उर्वशी बताती हैं कि उच्च न्यायालय के आदेश के अवलोकन से उनको ज्ञात हुआ कि प्रमुख सचिव गृह ने अमिताभ को सुधारने के लिए एक गोपनीय टिप्पणी की थी लेकिन अमिताभ ने स्वयं में सुधार लाने के स्थान पर प्रमुख सचिव की बात को जानबूझकर बहुत बढ़ा-चढ़ा कर सेवा की सामान्य सी बातों को प्रमुख सचिव के आपराधिक कृत्य का रूप देते हुए न केवल अदालत में प्रमुख सचिव के खिलाफ झूंठा आपराधिक मुकदमा लिखा दिया बल्कि प्रमुख सचिव के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश शासन के अनेकों उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भी भेजे स उर्वशी ने बताया कि इस आदेश में माननीय उच्च न्यायालय ने अमिताभ द्वारा की जा रही वेबजह की मुकदमेबाजी का संज्ञान लेकर न केवल पूर्व में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अमिताभ की मुकदमेबाजी को लेकर की गई कड़ी प्रतिकूल टिप्पणी का उल्लेख किया है बल्कि अमिताभ को सुधर जाने की नसीहत भी दी है,
बकौल उर्वशी उच्च न्यायालय ने अपने आदेश के द्वारा प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार को क्लीन चिट दे दी है जिससे साफ हो गया है कि अमिताभ ने प्रमुख सचिव के खिलाफ न केवल झूंठा आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया बल्कि अरविन्द कुमार द्वारा किये गए सरकारी कार्य-निष्पादन को जानबूझकर अपने मनमाफिक पूरी तरह तोड़-मरोड़कर इसे आपराधिक कृत्य का स्वरुप देने का आपराधिक कृत्य किया है, उर्वशी ने अपनी तहरीर में लिखा है कि प्रमुख सचिव गृह के खिलाफ दायर किये गए मुकदमे के सम्बन्ध में अमिताभ ने बल्क ई-मेल तथा अन्य माध्यमों से मीडिया को भी अवगत कराया जिसके आधार पर इस सम्बन्ध में जमकर समाचार प्रकाशित हुए और प्रमुख सचिव गृह की जमकर मानहानि हुई ।
उर्वशी ने अपनी तहरीर में अमिताभ पर आरोप लगाया है कि इस प्रकार प्रमुख सचिव गृह के खिलाफ झूंठा आपराधिक मुकदमा दर्ज कराकर और अभियोजन स्वीकृति के सम्बन्ध में नाहक ही पत्राचार करके अमिताभ ने प्रमुख सचिव गृह के शासकीय कार्य में अवरोध डालने तथा उनको शासकीय रूप से क्षति पंहुचाने एवं उनको अकारण बदनाम करने का आपराधिक कार्य भी किया है, अमिताभ द्वारा अपने फायदे के लिए किये गए इन आपराधिक कृत्यों से यूपी की नौकरशाही की छवि पूरे संसार में धूमिल हुई है, बकौल उर्वशी उच्च न्यायालय का आदेश अमिताभ ठाकुर के आपराधिक कृत्यों के सम्बन्ध में पुख्ता साक्ष्य है और अमिताभ ठाकुर के ये कृत्य भारतीय दंड विधान के धारा 353, 500, 506, 507 आदि धाराओं और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की विभिन्न धाराओं में किये गए गंभीर संज्ञेय आपराधिक कृत्य हैं जिसके लिए इनके खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराकर विवेचना कराया जाना आवश्यक है।