ठाणे : उत्तरप्रदेश के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा कि इस समय राम मंदिर पर कोई विधेयक संसद में नहीं लाया जा सकता है क्योंकि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का मुद्दा उच्चतम न्यायालय में है. मौर्य ने यहां कहा, ‘‘मंदिर का मुद्दा उच्चतम न्यायालय में है. वर्तमान स्थिति में संसद में कोई विधेयक पेश नहीं किया जा सकता है… जब तक उच्चतम न्यायालय का निर्णय नहीं आता है, इस विषय में संसद को कानून बनाने का अधिकार नहीं है.” मौर्य ने कहा कि अध्यादेश लाने का मुद्दा तभी उठ सकता है जब अदालत का फैसला पक्ष या विपक्ष में आए. बसपा के पूर्व नेता मौर्य अब भाजपा सरकार में हैं. आरएसएस मांग करती रही है कि नरेन्द्र मोदी सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए विधायी या अध्यादेश का रास्ता अपनाए. उन्होंने कहा कि लोगों को धैर्य बनाए रखना चाहिए और उच्चतम न्यायालय का सम्मान करना चाहिए.
मौर्य अखिल भारतीय माली महासंघ के राष्ट्रीय सम्मेलन के इतर बात कर रहे थे. कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने भी शिरकत की. बता दें, राम मंदिर को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर आरएसएस, शिवसेना और हिंदू संगठन अध्यादेश लाने के लिए दबाव बना रहे हैं. 25 नवंबर को विश्व हिंदू परिषद ने धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें कहा गया था कि अब धैर्य खत्म हो चुका है. सरकार को राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाना चाहिए. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी राम मंदिर को लेकर मोदी सरकार पर दबाव बनाया है और कहा कि वह इसके लिए कानून लेकर आए. वहीं दूसरी ओर शिवसेना लगातार राम मंदिर के मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है. 25 नवंबर को अयोध्या गए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार राम मंदिर नहीं बनाती है तो वह दोबारा सत्ता में नहीं आएगी.