अशाेक यादव, लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने खुद को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का एकमात्र दावेदार बताते हुये कहा कि इसके लिये उन्हे चुनाव लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। इसके साथ ही मायावती ने पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर करारा हमला करते कहा कि दलबदलू स्वामी प्रसाद मौर्य किसी को क्या मुख्यमंत्री बनाएंगे। वास्तव में बसपा में आने के बाद ही उनकी किस्मत खुली और एमएलए बने। पहले बहुत पार्टियों में रहे लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए। उनके जो भी दावे हैं वे सब बेकार हैं व सब हवा-हवाई बातें हैं। बीजेपी वाले सर्वसमाज के बहाने इसको ढोते रहे। अब उनकी जुबान कैसी है यह सभी देख रहे हैं।”
उन्होने कहा कि वह पार्टी के हित में सीधा चुनाव ना लड़कर अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव जीत कर भी प्रदेश की बागडोर सम्भाल सकती हैं। विरोधियों को उनके खिलाफ कोई मुद्दे नहीं मिल रहे हैं, इसलिये वे अब उनके चुनाव ना लड़ने को भी लेकर जानबूझ कर षडयंत्र के तहत इसे आए दिन उछालते हैं और जनता को ऐसा इम्प्रेशन भी देते हैं जैसे उन्होने कभी कोई चुनाव ही नहीं लड़ा है, जबकि इनको यह मालूम होना चाहिये कि वह चार बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा की सदस्य रह चुकी हैं। इसके इलावा, दो बार यूपी विधानसभा में व दो बार यूपी विधान परिषद की भी सदस्य रह चुकी हैं।
मायावती ने कहा कि उन्होने कहा कि जब तक बसपा संस्थापक कांशीराम स्वस्थ रहे ,वह अधिकांश चुनाव लड़ती थी और ज्यादातर चुनाव जीतकर भी आती थी लेकिन उनके बीमार रहने व देहान्त के बाद पार्टी की पूरी जिम्मेवारी आ गई। ऐसे में उन्होने अपनी पार्टी व मूवमेन्ट के हित में सीधा चुनाव लड़ने की बजाय फिर पार्टी के उम्मीदवारों को ही जिताना जरूरी समझा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुये उन्होने कहा कि 2012-2017 के दौरान सपा सरकार ने एससी, एसटी का सरकारी ठेकों में न सिर्फ आरक्षण खत्म किया बल्कि इस वर्ग के छात्रों का विदेश जाकर पढ़ाई करने की योजना को खत्म किया।